॰ धन्य एक राहगीर जो पिटा, पर भिड़ा और फिर पकड़ लिया मुस्लिम आरोपी, गिरफ्तार
॰ आर्यिकाओं-साध्वियों की विहार में असुरक्षा के प्रति जैन समाज कब होगा गंभीर, दिखी बड़ी लापरवाही
॰ जैन एकता -समय की बड़ी मांग
31 मई 2024/ जयेष्ठ कृष्ण नवमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
हां, सोमवार 27 मई 2024 को सुबह की घटना है, जब आचार्य श्री विजय नीति सूरिजी म.सा. की शिष्या साध्वी श्री मंगलवर्धना श्रीजी आदि ठाणा 6 भरूच से देरोल के लिये विहार कर रही थी।
घटना की पूरी जानकारी देते हुए आचार्य श्री विमल सागर सूरि जी म.सा. ने बताया कि साध्वी जी ने देखा कि व्यक्ति गलत इरादे से पीछे आ रहा है।
तब भरूच विहार ग्रुप के कार्यकर्ता, जो साध्वी जी के साथ थे, उस व्यक्ति पर नजर रखने लगे, तब वह व्यक्ति कुछ किलोमीटर बाद दिखना बंद हो गया।
जैसे ही देरोल गांव नजदीक आया, साध्वी जी की आज्ञा लेकर विहार ग्रुप के कार्यकर्ता भरूच के लिये वापस लौट गये और यह दर्दनाक कदम बन गया।बस कुछ देर बाद ही वही युवक मानो छिपता हुआ, सामने आ गया। जोर-जोर से चिल्लाकर साध्वी जी को डराने लगा। फिर वो सहमी साध्वी के निकट आ गया। साध्वीजी ने दूर होने को कहा, तब तो उसने सभी हदें तोड़कर छेड़खानी शुरू कर दी। तब बड़ी साध्वी जी खतरे को भांप गई, सभी साध्वी को रुकने को कहा। इतने में उसने बड़ी साध्वी को धक्का देकर नीचे गिरा दिया।
अब तो उस वहशी ने अपनी बेल्ट निकाल ली और सभी साध्वी जी की जोर से पिटाई करने लगा। एक साध्वी पर 7-8 बेल्ट मारे तो दूसरी पर चार, तीसरी पर तीन बेल्ट मारे। उधर से बाइक सवार गुजर रहे थे, पर किसी में मर्दानगी नहीं दिखी और वह तो राक्षस बन गया था। जानते हो वह कौन था, 44 साल का भरूच का मुस्लिम अल्ताफ हुसैन हमीद भाई शेख, नाम में भाई और कर्म राक्षस जैसा।
तभी एक व्यक्ति जो सब्जी लेने भरूच की ओर जा रहा था, वह उसकी इस हरकत देख रुका और उससे भिड़ गया। उस पर भी बेल्ट से वार हुए। पर वह जूझता रहा, तब 7-8 लोग सहायता को आये और फंसता देख आरोपी भाग गया।
पर ऐसे राक्षसों का नसीब भी साथ नहीं देता। अब मिलकर उसकी खोज हुई। देरोल चौराहे पर पकड़ा गया, उसकी पिटाई की गई, फिर पुलिस को बुलाकर सौंप दिया। इस पर धारा 323, 504, 506(2) व 341, 354, 295ए के तरहत कार्रवाही की गई।
इसके बाद आरोपी अल्ताफ हुसैन का समुदाय हरकत में आ गया कि वह तो मनोरोगी है। क्या सोच है? आरोपी जो, पीछा करता है, इतनी देर तक, छेड़खानी करता है, चिल्लाकर दबाव बनाता है, बेल्ट से तीन साध्वियों को पीटता है, उसे मनोरोगी बताना, एक दोषी का साथ देना है, जो कतई सही नहीं है।
सान्ध्य महालक्ष्मी चिंतन : बार-बार विहार में असुरक्षा की घटनायें होने के बावजूद जैन समाज सीख नहीं ले रहा। पुलिस प्रशासन का सहयोग नहीं ले रहा। अब छेड़छाड़ व मारपीट की घटना ने तो पूरे समाज के आगे बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है, कब जागेंगे हम ऐसी ही रही घोर निंदनीय घटनाओं से? बंटो मत, एक होकर रहेंगे, तब आपकी कद्र भी होगी और ताकत भी दिखेगी।
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