5 जून 2023 / आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
4 दिन तक चलता रहा जैन संतों का मानसिक उत्पीड़न, किसी को नहीं कहा । उन्होंने ना अपने समाज में कहा और ना किसी से चर्चा । अपनी चर्या निभाने के लिए वे नदी किनारे जाते शुद्धि के लिए और आसपास खेल रहे 20 -25 बच्चों में से 6 -7 किशोर , जो एक विशेष समुदाय के थे । वह आकर, उन्हें घेर लेते, बाइको से और अपमानित टिप्पणी करते। लेकिन जैन संत , अपनी चर्या के अनुकूल उनको अनसुना करते आगे बढ़ते जाते। 28, 29, 30 मई के बाद 31 मई को भी लगातार यह सिलसिला चला तो अति ही हो गई । उस विशेष समुदाय के कुछ किशोरों ने तो आज सीमा और लांघ दी ।
उन्होंने जैन संतो को घेरकर, उनसे कहना शुरू कर दिया , क्या खाओगे, अंडा लाएं , मटन लाएं, बीफ लाएं , गौ मांस लाएं, बोलो क्या चाहिए, हम खिलाएंगे। इस तरह से ना जाने कितनी शर्मसार टिप्पणियां की । अहिंसा के महाव्रतियों के लिए खड़ा रहना भी दूभर हो गया। तब समाज से कहा, शिकायत की, कि ऐसा हो रहा है और तब समाज को मालूम चला। यह घटना है झाबुआ जिले के थांदला क्षेत्र की जहां से 35 से ज्यादा संत आज तक आ चुके हैं । समाज को घेराव करना पड़ा थाने का। शिकायत सौंपी तो प्राथमिकी तो दर्ज हो गई, धारा 294 341 34 और 505 में । पर कोई गिरफ्तारी आज तक नहीं हुई और संभवत होगी भी नहीं , क्योंकि इसके पीछे पुलिस तकनीकी कारण बता रही है ।
निश्चय ही यह बेहद शर्मसार घटना है। लगातार हमारे तीर्थों पर , संतों पर हमले हो रहे हैं। पर खंड खंड में बटा समाज, जैसे एक दूसरे का मुंह ताकता ही रह जाता है । इस पर चैनल महालक्ष्मी 6 जून को रात्रि 8:00 बजे अपना विशेष एपिसोड आप सबके सामने लाएगा, चिंतन के लिए मनन के लिए। आप सब को जगाने की एक और कोशिश।
जैन संत के साथ असामाजिक तत्वों द्वारा अभद्र व्यवहार एवं अशोभनीय टिप्पणी करने को लेकर जैन समाज में रोष व्याप्त है।
गुरुभगवंत कि साथ हुए इस दुर्व्यवहार को लेकर स्थानीय सकल जैन समाज ने चौकी प्रभारी उप निरीक्षक नवलसिंह बघेल को
पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौपा। ज्ञापन के माध्यम से समाजजनों ने बताया कि जैन संत के साथ इस तरह का व्यवहार
निंदनीय है इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। ज्ञापन में प्रशासन से संबंधित असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही
करने की मांग की गई ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। इस मौके पर श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ
के अध्यक्ष कमल चोपड़ा, कोषाध्यक्ष विनोद चोपड़ा, सहसचिव दीपेश वागरेचा, राजमल चोपड़ा, अभय चोपड़ा, अमृत
चाणोदिया, जीवनलाल चोपड़ा, नन्नू जैन, राजमल वागरेचा, कमल वागरेचा, राकेश वागरेचा, भावेश वागरेचा, आशीष
कोठारी, मनीष चाणोदिया, आकाश चाणोदिया, अंकित चोपड़ा, वैभव चोपड़ा, नवीन वागरेचा, पीयूष चोपड़ा, सचिन चोपड़ा
आदि मौजूद थे।