अपने जन्मदिन पर रक्षामंत्री श्री #राजनाथसिंह जी ने पूज्य गणिनी प्रमुख श्री #ज्ञानमती माताजी के किये दर्शन

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गणिनी ज्ञानमती माताजी जी को जगतमाता ‘Mother of The Nation’ की उपाधि से सम्पूर्ण दिल्ली समाज ने किया विभूषित

सान्ध्य महालक्ष्मी / 16 जुलाई 2021
कनाट प्लेस नई दिल्ली स्थित चक्रवर्ती भगवान भरत ज्ञानस्थली दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र बड़ी मूर्ति स्थल पर पधारे भारत सरकार के लोकप्रिया यशस्वी रक्षा मंत्री श्री राजनाथसिंह जी, पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी एवं आचार्यरत्न श्री अनेकांतसागर जी महाराज के दर्शनों के लिए पधारे। माननीय मंत्री जी सर्वप्रथम चक्रवर्ती भगवान भरत के समक्ष पहुंचे एवं श्री फल चढ़ाकर भगवान के दर्शन करके अत्यंत प्रसन्न व्यक्त की एवं तत्पश्चात् पूज्य माताजी जी से अनेक प्रकार की राजनीतिक एवं पारिवारिक विषयों पर चर्चा की। तत्पश्चात् नवनिर्मित ह्रीं में समनवित चौबीस तीर्थंकर भगवतों का दर्शन प्राप्त किया माननीय मंत्री जी को पुष्पकुच्छ देकर के जैन सभा नई दिल्ली के कार्यकर्ताओं ने स्वागत सम्मान किया, जिसमें मुख्यरूप से सर्व श्री अतुल जैन, राजकुमार जैन, विनोद जैन, राकेश जैन जैन सभा, नई दिल्ली शामिल थे। इसी श्रृंखला में माडल टाउन दिल्ली से पधारे प्रमोद जैन दिल्ली, जैन समाज के अध्यक्ष चक्रेश जैन, कैलाशचंद जैन, आदीश जैन, श्रीमती स्मृति जैन, संघपति अनिल कुमार जैन प्रतिष्ठाचार्य विजय कुमार जैन, श्रीमती मालती जैन, बिजेन्द्र जैन, डॉ. जीवनप्रकाश जैन, श्रीमती सुनंदा जैन आदि कार्यकर्ताओं ने पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।

पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति जी ने माननीय मंत्री जी को मंगल कलश प्रदान किया एवं प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी ने सरस्वती-लक्ष्मी माता की प्रतिमा प्रदान की एवं पूज्य गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी जी साहित्य भेंट किया एवं आचार्यश्री ने माननीय मंत्री जी को आशीर्वाद प्रेषित किया। माननीय मंत्री के जन्मदिन (10 जुलाई) के शुभअवसर पर पूज्य माताजी एवं छोटी माताजी ने आशीर्वाद प्रेषित किया।

पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामाजी ने भगवान भरत ज्ञानस्थली तीर्थ के विषय में एवं भगवान भरत स्वामी की प्रतिमा के बारे में जानकारी प्रदान की एवं पूज्य माताजी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान भरत चक्रवर्ती के नाम से ही इस देश का नाम भारत पड़ा। संत इस देश में अपनी आत्मसाधना को करते हुए धर्म का प्रचार करते हैं। इसी श्रृंखला में आर्यिका श्री चंदनमती माताजी ने मंगल आशीर्वाद प्रेषित किया एवं चंद पंक्तियों में भगवान भरत स्वामी के बारे में जानकारी दी। पूज्य सप्तम पट्टाचार्य आचार्य श्री अनेकांतसागर जी महाराज ने माननीय मंत्री जी को रक्षामंत्री एक पिता के समान हैं, जोकि सम्पूर्ण देश की रक्षा के दायित्व को निर्वाहन करता है।

माननीय रक्षामंत्री जी ने अपने मंगल उद्बोधन में राजनीति की बहुत सुंदर परिभाषा को बताते हुए कहा कि इस देश में राजनीति धर्मनीति के साथ करते हैं एवं आज मुझे बड़ी माताजी एवं छोटी माताजी एवं आचार्य श्री का दर्शन प्राप्त हुआ। मेरे आहोभाग्य है कि मुझे इन महानविभूतियों का दर्शन प्राप्त हुआ। मैंने जैसे ही जाना कि ज्ञानमती माताजी मेरे शहर में आई हैं, मैं अपने आप को रोक नहीं पाया एवं पूज्य माताजी के दर्शनों के लिए बिना किसी कार्यक्रम के उपस्थित हुआ हूं, क्योंकि मुझे जैन साधुओं के आध्यात्मिक प्रवचन सुनने का जब भी अवसर मिलता है, मैं खूब श्रद्धा और भक्ति से ग्रहण करता हूं। आज में किसी भी प्रकार का मन बनाकर के उपस्थित नहीं हुआ हूं, मेरा बोलने का मन भी नहीं है, लेकिन ज्ञानमती माताजी के पावन सान्निध्य में मैं आध्यात्म के ज्ञान को ग्रहण करने को आया हूं एवं बहुत ही प्रसन्न हूं।

इसके पश्चात विश्वशांति माननीय रक्षामंत्रीजी ने अहिंसा केन्द्र की स्थापना कर उसके शिलापट्ट का अनावरण किया एवं पूज्य माताजी को जगत माता’Mother of The Nation’ की प्रशस्ति का अनावरण किया। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. जीवन प्रकाश जैन एवं विजय कुमार जैन ने किया।

– विजय कुमार जैन जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर