आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी ने अपने हस्तकमलों से आज 11 वर्ष पूर्व श्रावण शुक्ला चतुर्थी को रामटेक में उच्च शिक्षित,युवा, ब्रह्मचारियों को दीक्षा प्रदान की

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20 अगस्त 2023/ श्रावण शुक्ल चतुर्थी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शुभांशु जैन शहपुरा

युग शिरोमणि आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपने हस्तकमलों से आज श्रावण शुक्ला चतुर्थी को 11 वर्ष पूर्व रामटेक में उच्च शिक्षित,युवा, ब्रह्मचारियों को दीक्षा प्रदान की थी।
आज के दिवस दीक्षित मुनिराज निम्नानुसार है

1 मुनि श्री निःस्वार्थसागर जी
मुनि श्री गुरुभक्ति और उनके प्रति समर्पण के लिए जाने जाते है ।बड़ो के प्रति विनय और आदर मुख्य विशेषता है। पूर्व में आप ने गुरु आज्ञा से सर्वोदय क्षेत्र अमरकंटक को ऊंचाइयां प्रदान की है। वर्तमान में आप मुनि श्री विनम्रसागर जी महाराज के संघ में बंधा जी में विराजमान है।

2 मुनि श्री निर्दोषसागर जी
सिद्धांत एवं आगम के गूढ़ ज्ञाता के रूप में आप प्रतिष्ठित है। मौन साधना, उत्तम चर्या व श्रेष्ठ प्रवचनकार है। ब्रह्मचारी अवस्था में भी आप ने सम्पूर्ण भारत मे जिन शासन की प्रभावना की है वर्तमान में आप सागर में विराजमान है।

3 मुनि श्री निर्लोभसागर जी
आगम के उत्कृष्ट ज्ञाता, परम ध्यानी, मौनी,शांत चित्त,जनसामान्य को णमोकार मंत्र से जोड़ने वाले साधु है। मुनि श्री निर्दोष सागर जी और आप बचपन के मित्र है ऐसे परम साधक सागर में विराजमान है ।

4 मुनि श्री नीरोगसागर जी
परम शांत ,अध्ययन शील ,पूर्व में अध्यापक के रूप में विद्यार्थियों को शिक्षित कर चुके है। निर्यापक श्रमण श्री संभवसागर जी के संघ में शाहपुर में विराजमान है।

5 मुनि श्री निर्मोहसागर जी
युवा को प्रेरणा दें सन्मार्ग प्रदाता, नम्र, शांत मुनि श्री खुरई में निर्यापक श्रमण श्री संभवसागर जी के संघ में शाहपुर में है।

6 मुनि श्री निष्पक्षसागर जी
शांत परिणामी, श्रेष्ठ प्रवचनकार, गुरुभक्ति के सजग प्रहरी, निर्यापक श्रमण श्री संभवसागर जी के संघ में शाहपुर में विराजमान है।

7 मुनि श्री निष्पृहसागर जी
कवि ह्रदय ,वात्सल्य मूर्ति ,जिज्ञासु, तर्कवेत्ता, मुनि श्री सौम्य सागर जी महाराज के संघ में जिंतुर में विराजमान है

8 मुनि श्री निश्चलसागर जी
गुरु आज्ञा में तत्पर ,शांत चित्त, नम्र,बच्चों को प्रेरणा देने वाले, मुनि श्री सौम्यसागर जी महाराज के संघ में जिंतुर में विराजमान है।

9 मुनि श्री निष्कंपसागर जी
निर्यापक मुनि समतासागर जी महाराज के सँघस्थ, वात्सल्यमूर्ति, वाक्पटु, गुरु आज्ञा पालक , मुनि श्री कटनी में विराजमान है।

10 मुनि श्री निरामयसागर जी
बंडा नगर गौरव ,शांतचित्त ,मधुर भाषी ,स्वाध्यायी मुनिवर गुरु चरणों मे चंद्रगिरी में विराजमान है।

11.मुनि श्री निरापदसागर जी
आत्म आराधक ,शांतिप्रिय,श्रेष्ठ प्रवचनकार, मुनि श्री विशदसागर जी के संघ में शढौरा में विराजमान है।

12.मुनि श्री निराकुलसागर जी
आकुलता से रहित ,तत्व के निरूपण में संलग्न ,वैयावृत्ति में निपुण, सर्वाधिक हाइकू-भक्तामर जी-पूजन के लेखक, मुनि श्री विशद सागर जी के संघ मे आरोन में विराजमान है।

13. मुनि श्री निरुपमसागर जी
जिज्ञासु साधक ,सरल ,सहज, सुबोध,आगमनिष्ठ, मुनि श्री निर्दोषसागर जी के संघ में सागर में विराजमान है।

14.मुनि श्री निष्कामसागर जी
शांत चित्त ,स्वाध्याय शील, वैयावृत्ति में सदैव अग्रणी,परम तपस्वी, निर्यापक श्रमण श्री संभवसागर जी के संघ में शाहपुर में विराजमान है।

15.मुनि श्री निरीहसागर जी
हथकरघा ,भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक कर आत्मकल्याण का मर्म बताने वाले निर्यापक श्रमण श्री अभयसागर जी महाराज के संघ में बड़ा में विराजमान है।

16.मुनि श्री निस्सीमसागर जी
आयुर्वेद के ज्ञाता ,शांत भद्र परिणामी , साधु की वैयावृत्ति में तत्पर , साधर्मी वात्सल्य की मिसाल निर्यापक श्रमण योगसागर जी महाराज के संघ में वाशिम में विराजमान है।

17.मुनि श्री निर्भीकसागर जी
शांत चित्त, मृदुभाषी,अध्ययनशील, मुनि श्री सौम्य सागर जी के संघ में जिंतुर में विराजमान है।

18.मुनि श्री नीरागसागर जी
युवाओ को मार्ग प्रदाता, आत्म कल्याण में लीन,तीनो समय की उत्कृष्ट सामायिक खड्गासन में करने वाले, मुनि श्री सौम्यसागर जी के संघ में जिंतुर में विराजमान है।

19.मुनि श्री नीरजसागर जी
यथा नाम तथा गुण , संसार से भिन्न मात्र आत्मकल्याण करने में निरत ,वैयावृत्ति में संलग्न, निर्यापक श्रमण श्री संभवसागर जी के संघ में शाहपुर में विराजमान है।

20.समाधिस्थ मुनि श्री निकलंकसागर जी
युवाओं के मार्गदर्शक ,हर ह्रदय के अजीज ,शांतिधारा से लोगों को जोड़ कर धर्म का मार्ग दिखाने वाले, वात्सल्य मूर्ति,श्रेष्ठ प्रवचनकार ,विषम परिस्थितियों में भी आत्म कल्याण में रत रहकर संलेखना पूर्वक देह त्याग करने वाले।

21.मुनि श्री निर्मदसागर जी महाराज
कवि ह्रदय ,प्रवचनकार ,ओजस्वी वक्ता मुनि श्री विनम्रसागर जी के संघ में बंधा जी में विराजमान है।

22.मुनि श्री निसर्गसागर जी
आयुर्वेद के ज्ञाता, सकारात्म ऊर्जा के सम्प्रवाहक, युवाओ को उत्कृष्ट मार्गदर्शन देने वाले मुनि श्री विनम्रसागर जी के संघ मे बंधा जी में विराजमान है।

23. मुनि श्री निस्संगसागर जी
शांत ,अध्यनशील तत्व जिज्ञासु साधक, निर्यापक श्रमण श्री संभवसागर जी के संघ में शाहपुर में विराजमान है।