13 मई 2022/ बैसाख शुक्ल द्वादस /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
जैन तीर्थ क्षेत्र अतिशय क्षेत्र पटनागंज के बड़े बाबा के मंदिर की करीब एक हजार साल पुरानी दीवार बुधवार रात में ढह गई। रात होने के कारण कोई जनहानि नहीं हुई वहीं मंदिर में स्थापित प्रतिमाएं भी सुरक्षित रहीं। श्रद्धालु कोई जनहानि न होने व प्रतिमाएं सुरक्षित रहने को बड़े बाबा का चमत्कार मान रहे हैं। यहां पर विराजित बड़े बाबा की विशाल प्रतिमा को बारह घंटे की मशक्कत के बाद निकाला जा सका।
अतिशय क्षेत्र पटनागंज के मूलनायक बड़े बाबा महावीर स्वामी के मंदिर एक हजार साल प्राचीन है। 100 साल में इसका चार बार जीर्णोद्धार हुआ है। इस समय में छत और शिखर पर पेड़ उग आने से शिखर में कई जगह दरारें आ गई थी और उनका पानी दीवानों में भरने लगा था जिससे दीवारें कमजोर हो गई थी। इस कारण 1965 में पंचकल्याणक गजरथ की तैयारी थी तभी क्षेत्र जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया और बड़े बाबा मंदिर के भीतर और बाहर से सीमेंट का प्लास्टर किया गया था और भगवान की प्रतिमा में दरार देखी गई थी जिसे पालिश करके सुधारा गया था।
हाल ही कुछ वर्षों पूर्व मंदिर क्षतिग्रस्त होता देखकर ट्रस्ट ने विचार किया और फिर नए मंदिर निर्माण के साथ मंदिर का पूर्ण रुप से जीर्णोद्धार करने का संकल्प लिया था। इसके लिए कार्य शुरू किया जाना था। इसके लिए इंजीनियर की निगरानी में मंदिर के चारों ओर नींव की गहराई देखी जा रही थी बुधवार रात में अचानक दीवार का उत्तर कोना जो पहले से ही बहुत कमजोर था, ढह गया।
पूरा घटनाक्रम बताया इसकी पूरी जानकारी 12 मई 2022 रात्रि 8:00 बजे यूट्यूब पर चैनल महालक्ष्मी के विशेष एपिसोड में आप देख सकते हैं क्या हुआ जब मुख्य वेदी के पीछे की दीवार गिरी।
गुरुवार सुबह 4 बजे मंदिर के पट खुलने पर श्रद्धालुओं ने ढही दीवार देखी। जैन समाज के लोग तुरंत मंदिर पहुंचे और प्रतिमाओं को सुरक्षित निकाला। दिनभर की मशक्कत के बाद शाम 5.30 बजे बड़े बाबा की विशाल प्रतिमा को भी सुरक्षित निकाल लिया गया।
जैन समाज के अध्यक्ष सुशील जैन ने बताया कि अतिशय क्षेत्र पटनागंज में बड़े बाबा के मंदिर की दीवार ढह जाने के बाद आर्किटेक्चर की निगरानी में अन्य मंदिरों का भी निरीक्षण और परीक्षण कराया जाना चाहिए यह कार्य ट्रस्ट कमेटी देखती है। समाज कमेटी से अन्य मंदिरों के मजबूती की भी जांच कराने का आग्रह करेगी यदि अन्य मंदिर की दीवारें भी जर्जर पाई गई तो उन्हें भी जीर्णोद्धार या नव निर्माण कराने का आग्रह किया जाएगा।
-दैनिक भास्कर , सागर संस्करण से साभार