केंद्रीय राज्य विदेश एवं संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रो अनेकान्त से जाना कुतुबमीनार का जैन इतिहास

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17 मई 2022/ जयेष्ठ कृष्णा दौज /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/

20/04/22 को प्रातः 6 बजे केंद्रीय राज्य विदेश एवं संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी जी के साथ नेशनल मोन्यूमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तत्त्वावधान में कुतुबमीनार और इसके पास अनंगताल ,लालकोट आदि स्थानों पर हैरिटेज वाक का आयोजन किया गया जिसमें श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के जैन दर्शन विभाग के आचार्य प्रो अनेकान्त कुमार जैन ने मीनाक्षी लेखी जी को कुतुबमीनार और उसमें व्याप्त प्राचीन जैन संस्कृति का परिचय दिया ।

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प्रो अनेकान्त ने बताया कि कुतुबमीनार कुतबुद्दीन ऐबक ने नहीं बनवाया था । यह एक स्तंभ है जो बहुत पूर्व से ही यहां निर्मित था । इसके चारों तरफ घेरे में 27 जैन एवं हिन्दू मंदिर थे जिन्हें तोड़कर ,उन्हीं के मलवे से यहां मस्जिद का निर्माण किया गया था । इसका उल्लेख स्वयं कुतबुद्दीन ऐबक ने अपने अरबी भाषा के शिलालेख में किया है । यहाँ एक विशाल नाभेय जैन मंदिर था जिसमें तीर्थंकर ऋषभदेव की प्रतिमा विराजमान थी । कुतुबमीनार वास्तव में या तो उस मंदिर का मानस्तम्भ था या यह एक सुमेरु पर्वत की संरचना है । इसके शिखर पर जिनबिम्ब विराजमान थे जो या तो तोड़ दिए गए या बिजली आदि से टूट गए ।
जैन मूर्तियों के अनेक अवशेष यहां विद्यमान हैं ।
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अथॉरिटी के अध्यक्ष तरुण विजय जी तथा पुरातत्व विद बी आर मणि जी ,डॉ शिशिर जैन सहित काफी हस्तियां वहां मौजूद थीं ।
इस बारे में चैनल महालक्ष्मी ने एक एपिसोड भी जारी किया है, जिसको आप देख सकते हैं।

आप इस बारे में और भी, जो भी जांच या टिप्पणी देना चाहे , तो हमें ईमेल info@channelmahalaxmi.com पर अपडेट कर सकते हैं। उद्देश्य सिर्फ यही कि इतिहास को सही रूप से दिखाया जाए । जैन संस्कृति ,अगर कहीं थी, उसको सही रूप में उजागर किया जाए।