अब संतों के समक्ष बरसा चांदी का सिक्का और निकली केसर, बार-बार हो रहा चंदाप्रभु प्रतिमा का चमत्कार

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27 फरवरी 2021, माघ शुक्ल पूर्णिमा को श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र प्यावड़ी  पीपलू में  हर पूर्णिमा की भांति पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन वात्सल्य मूर्ति परम पूज्य आचार्य 108 श्री इंद्रनंदी जी गुरुदेव एवं परम पूज्य गुरु मां आर्यिका 105 श्री संगम मति माताजी ससंघ के सानिध्य में कार्यक्रम हुआ।

निर्देशन पं. मनोज कुमार जी शास्त्री बगरोही का रहा।

प्रथम अभिषेक का सौभाग्य श्रेष्ठी श्री निरोजकुमार जी मनोजकुमार जी रविकुमार जी मोहित जी जैन भाणजा परिवार निवाई (मनोज साड़ी सेंटर) वालों को प्राप्त हुआ।

जब प्रथम अभिषेक कर्ता परिवार ने श्री जी का मार्जन किया तब मार्जन करते समय  एक चांदी का सिक्का भगवान के बाए हाथ की साइड से वेदी पर गिरा।

उसके बाद उन्होंने ही स्वर्ण कलश से अतिशय कारी चंद्रप्रभु भगवान का अभिषेक किया तब गुच्छ में नाभि से केसर निकली।

इस सम्पूर्ण अतिशय के साक्षी गुरुदेव एवं गुरूमां ससंघ रहे

द्वितीय बार मूल नायक भगवान की शांतिधारा गुरुदेव एवं गुरूमा के सानिध्य में हुई  जिसमे मूल नायक भगवान की, शांतिधारा का सौभाग्य श्रेष्ठी श्री प्रभूदयाल जी दिनेश कुमार जी नरेश कुमार जी सुनील जी जैन पीपलू वाले कैथून (कोटा) को प्राप्त हुआ। एवं पांडुकशिला पर स्थित प्रतिमा जी की शांतिधारा करने का शोभाग्य श्रेष्ठी श्री इंदरचंद जी संतोष देवी जी पाटनी कमल कुमार जी विमला देवी अभिषेक कविश जी बैड परिवार किशनगढ़

पिछले कही महीनों से अलग अलग चमत्कार देखने को बाबा के दरबार में मिल रहा है यथा चांदी का सिक्का, सोने की सिक्के रूपी भामंडल केसर प्राप्त हुआ।