13 फरवरी 2023/ फाल्गुन कृष्ण अष्टमी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
आठवें तीर्थंकर श्री चंद्रप्रभु जी के 90 करोड़ सागर के बाद आरण स्वर्ग में आयु पूर्ण कर काकंदी नगरी के तत्कालीन महाराजा सुग्रीव जी की महारानी श्रीमती जयरामा देवी जी के गर्भ में आए थे, नवे तीर्थंकर श्री पुष्पदंत जी,
जिन्हें श्री सुविधिनाथजी के नाम से भी जाना जाता है, आपकी आयु 200000 वर्ष पूर्व थी और श्वेत वर्ण के श्री पुष्पदंत जी जी का गर्भ कल्याणक का वह दिन था , फागुन कृष्ण नवमी का,
जिसके 6 माह पहले से ही सौधर्म इंद्र की आज्ञा से, कुबेर ने उस राजमहल पर तीनों पहर में साढ़े तीन करोड़ रत्नों की बरसात शुरू कर दी थी ।
ऐसे पावन दिन पर , बोलिए नोवे तीर्थंकर श्री पुष्पदंत भगवान के गर्भ कल्याणक की जय, जय, जय।