प्रतापगढ़ नगरी से 7 मार्च 2021 को आचार्य श्री संघ का विहार हुआ तो दिगम्बर-श्वेताम्बर अजैन सभी बन्धुओ की आँखे नम हो गयी। पूज्य श्री संघ का लगभग एक वर्ष तक प्रतापगढ़ के विभन्न जिनालयों व उप नगरों में प्रवास रहा
अतः जब गुरु संघ खमेरा के लिए विहार करने लगा तो प्रतापगढ़ का जन जन विरह वेदना से नम्रि भूत हो उठा।
धर्म नगरी “खमेरा”
- पावन धरा जो सन 2004 में युगश्रेष्ठ आचार्य शिरोमणि तपस्वी सम्राट आचार्य श्री सन्मति सागर जी महामनस्वी के वर्षायोग साधना से सिंचित है-खमेरा नगरी
2.भगवान नेमिनाथ की 43 इंची महा अतिशयकारी प्रतिमा विश्व विख्यात है जो तपस्वी सम्राट के हस्तो से प्रतिष्ठित हुई भगवान नेमिनाथ की इस अलौकिक प्रतिमा के प्रति देश भर के अनेक श्रद्धालुओ की अटूट आस्था है-खमेरा नगरी
3.मुनि श्री सुरम्य सागर जी,मुनि श्री सुप्राण सागर जी,मुनि श्री सुप्रसन्न सागर जी व आर्यिका श्री सुविश्वास मति माताजी जैसे सन्तो की दीक्षा भूमि है-खमेरा नगरी
4 तपस्वी सम्राट से लेकर आचार्य श्री सुनीलसागर जी गुरुराज का श्री संघ देश मे कहि भी विहाररत या प्रवास रत हो यहाँ का श्रावक वैयावृत्ति व आहरादान निमित्त चौखा लाकर सदैव अग्रणी रहा है
ऐसे गुरु भक्त भव्यात्माओ से भरपूर नगरी खमेरा में दिनांक 11 मार्च से 19 मार्च 2021 तक चर्याचक्रवर्ती आचार्य श्री सुनील सागर जी गुरुराज ससंघ की निश्रा में श्री सिद्ध चक्र महामण्डल विधान आराधना है
पूज्य गुरुदेव की आगवानी हेतु नगर खमेरा शाश्वत तीर्थ अयोध्या की तरह तैयार है
-शाह मधोक जैन चितरी