आचार्य विद्या सागर महाराज ही निरलिप्त संत है एवं वें ही एकमात्र अनियत विहारी संत है: अंतर्मना प्रसन्न सागर, संत शिरोमणि आचार्य श्री की चरण वंदना

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6 अप्रैल 2023/ चैत्र शुक्ल पूर्णिमा /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ औरंगाबाद / नरेंद्र अजमेरा /पियुष कासलीवाल

सदी के महान तपस्वी साधक अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर गुरुदेव ससंघ आज संत शिरोमणि आचार्य विद्या सागर गुरुदेव के चरण वंदन करने अमरकंटक पहुँचे।
प्रातः स्मरणीय संत शिरोमणि आचार्य विद्या सागर महाराज के दर्शन वंदन करने आज प्रातकाल अंतर्मना गुरुदेव ससंघ शाश्वत तीर्थराज की पावन धरा से सिंह निष्क्रिड़ित व्रत की अद्धभुत साधना सम्पन्न करने के बाद करीब 1000 किलोमीटर का विहार करके अमरकंटक पहुचे गुरुदेव के साथ सेंकड़ो गुरु भक्तों को भी आचार्य श्री के दर्शन का सौभाग्य मिला अंतर्मना गुरुदेव आचार्य श्री के सानिध्य में करीब 5 घंटे रहें।

अंतर्मना गुरुदेव का 35 वॉ दीक्षा मनाया
अंतर्मना गुरुदेव के 35 वें दीक्षा दिवस को गुरु भक्तों ने हर्षउल्लास से मनाया। अंतर्मना गुरुदेव के 35 वें दीक्षा दिवस पर गुरु पूजन का आयोजन चिकती पानी ग्राम में हुआ। गुरुदेव की पूजन के पूर्व सभी पूर्वाचार्यो के अघ्य समर्पित किये गुरु पूजन में देश भर से आये गुरु भक्तों के साथ किशनगढ़ के बैद परिवार को भी अघ्य समर्पित करने का एवं गुरुदेव के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य मिला सभी गुरु भक्तों ने भक्ति करते हुए गुरुदेव को अघ्य समर्पित किया ततपश्चात गुरुदेव ने प्रवचन देते हुए कहा की आदमी अगर सुखी हैं तो वों धर्म की वजह से ही सुखी है और अगर किसी के जीवन दुःख रोग शोक है तो वों अधर्म की वजह से है अगर आप धर्म करने के बाद भी दुखी है तो आप के धर्म करने को क्रिया में कुछ ना कुछ कमी अवश्य है प्रभु का सुमिरन करो तब सम्पूर्ण चित्त प्रभु में ही होना चाहिए अथार्त मंदिर या प्रभु का ध्यान करें तब किसी भी तरह की कोई भी आकुलता नहीं होनी चाहिए एवं उस वक्त कही ध्यान भटकना नहीं चाहिए

आदमी के सुखी रहने का एक सूत्र भगवान महावीर ने बताया था की आप किसी के साथ वैसा ही व्यवहार करें, जैसा व्यवहार आपको पसंद हो . अगर सभी इस सूत्र को अपनायेंगे तो आप कभी दुखी नहीं हो सकते है . अंतर्मना गुरुदेव ने कहा सभी को जीवन में एक बार इस युग के भगवान आचार्य विद्या सागर महाराज के दर्शन अवश्य करने चाहिए एक वें ही निरलिप्त संत है एवं वें ही एकमात्र अनियत विहारी संत है अंतर्मना गुरुदेव के ग्राम में आगमन से जंगल में भी मंगल हो गया हजारों गुरु भक्तों ने गुरुदेव के दीक्षा दिवस पर गुरुदेव के दर्शन करके गुरुदेव की दीर्घायु की कामना की।

अंतर्मना गुरुदेव के 35 वें दीक्षा दिवस पर बैद परिवार द्वारा स्कूली छात्रों को उपहार भेंट किये गए सभी छात्रों ने गुरुदेव के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में सम्पूर्ण देश के गुरु भक्त उपस्थित हुए जिसमे डॉ संजय, विवेक गंगवाल, ऋभ जैन अहमदाबाद, संघपती मुकेश चेन्नई, दिलीप हुमड़, अजय जैन कोटा, विपुल जैन, मनोज धूलियान, सुरेन्द्र धुलियान के साथ किशनगढ़ के चन्द्र प्रकाश बैद, आरती बैद, अरविन्द बैद, अक्षत बैद, सृस्टि बैद सहित अनेक गुरुभक्त सम्मिलित थे।