अरबपति खरबपति नहीं पहुंच पाते, जो मन के – किस्मत के धनी होते हैं और जिनका पुण्य जोर मारता है, वो ही साक्षात भगवान के दर्शन पाते है : आचार्य श्री प्रसन्न सागर

0
1066

अन्तर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज द्वारा क्षुल्लक 105 परिमल सागर जी महाराज का ऐलक दीक्षा कार्यक्रम संपन्न

सम्मेदशिखर जी-परम पूज्य अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज के परम मंगल सानिध्य में 2 जुलाई को जैन धर्म के 13 वे तीर्थंकर 1008 श्री विमलनाथ भगवान का निर्वाणकल्याणक महोत्सव बहुत ही भक्ति भाव के साथ सम्मेद शिखरजी पर्वतराज सुवीर कूट पर धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। अंतर्मना गुरुदेव श्री प्रातःकालीन गुरु भक्ति कर सुवीर कूट पहुचे जहाँ पर भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के द्वारा विमलनाथ भगवान के निर्वाण कल्याणक महोत्सव का आयोजन किया जिसमें भगवान के चरणों मे प्रथम अभिषेक श्री अजित मोतीलाल जी मिण्डा परिवार मुम्बई की ओर से किया गया ।

इसके पश्चात अन्तर्मना ने अपने मंगल उद्बोधन करते हुये कहा कि यहां पर अरबपति खरबपति नहीं पहुंच पाते, जो मन के धनी होते हैं जो किस्मत के धनी होते हैं और जिनका पुण्य जोर मारता है वो ही साक्षात भगवान के दर्शन को इस पर्वतराज पर साक्षात मोक्षभूमि के दर्शन हेतु टोंक पर पहुँच सकते है ।

सभी प्राणी अपने जीवन मे शांति पाने के लिये परेशान है आनंद पाने के लिए परेशान है सुख चाहने के लिए दुख से परेशान है अगर सुख,शांति, आनंद पाना चाहते हो तो अपनी इच्छायें कम कर दो और जिस दिन आदमी की इच्छा कम हो जाएगी उस दिन शांति लाल बन जाओगे।आगे आचार्य श्री के मुखारबिंद से शांतिधारा का उच्चारण हुआ जिसका सौभाग्य दिलीप जी-सुनीता जैन हुम्मड बड़ोदरा को तथा निर्वाण लड्डू चढ़ाने का सौभाग्य सुनील-तिला मेहता अहमदाबाद को प्राप्त हुआ इसी के साथ आज साक्षात भूमि सुवीर कूट पर अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज ससंघ में दीक्षित क्षुल्लक 105 परिमल सागर जी महाराज का ऐलक दीक्षा कार्यक्रम भी सुवीर टोंक पर हुवा ।

क्षुल्लक श्री परिमल सागर जी की ऐलक दीक्षा हुई। टोंक में शामिल भक्तों और जिनवाणी चैनल के माध्यम से आज पूरे भारत को भगवान का मोक्ष कल्याणक और दीक्षा कल्याणक एक साथ देखने का सौभाग्य मिला । दिन में 1008 चंदप्रभु के ललितकुट पर अन्तर्मना के सानिध्य में 64 रिद्धि के द्वारा दिप समर्पित किया गया जिसमें मुख्य रूप से मनोज जैन चौधरी हैदराबाद, बंटी जैन अहमदाबाद, थे संध्या पर्वतराज पर अन्तर्मना के सानिध्य में भब्य आरती गुरुभक्त परिवार ने किया।

– पीयूष कासलीवाल नरेंद्र अजमेरा