शादी के समय दूल्हा दुल्हन आपस में कहेगें— हे देवी अगर मैं कभी क्रोध में आग बनू तो तुम पानी बन जाना -आचार्य प्रसन्न सागर महाराज

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तुम आग बनो तो मै पानी बन जाऊगा*
-आचार्य प्रसन्न सागर महाराज*
निमियाघाट/कोडरमा–*शाश्वत तीर्थराज सम्मेद शिखर के तलहटी में, आचार्य प्रसन्न सागर महाराज 44 दिवसीय कल्याण मंदिर जिन महा अर्चना के तहत भक्तों को संबोधित करते हुए कह रहे थे
*अंतर्मना भारत गौरव आचार्य प्रसन्न सागर महाराज कह रहे थे*– अगर तुम अपने घर को स्वर्ग बनाना चाहते हो तो, पति और पत्नी को, बाप और बेटे को, सास और बहू को, जेठानी और देवरानी को, भाई और बहन को आपस में एक समझौता करना पड़ेगा ।जब एक आग बने तो दूसरा पानी बन जाए।

यह जीवन का एक सूत्र है। पति और पत्नी को जीवन की खुशहाली और स्वर्ग के लिए यह समझौता करना आज के परिवेश में आवश्यक हो गया है। शादी के वक्त बर और वधू से पंण्डित के द्वारा सात सात वचन भरवाए जाते हैं। मैं समझता हूं जो वचन भरवाये जाते हैं वह पुराने हो गए हैं,वे अप्रासंगिक हो गए हैं।

वे बचन पिट गए हैं, मर चुके हैं। समय के बदलते रुख को देखकर इन बचनो में परिवर्तन किया जाना चाहिए। कि इस सदी के लिए नए वचन तैयार कर रहा हूं ।उन नये बचनो में पहला वचन है–? शादी के समय दूल्हा दुल्हन आपस में कहेगें— हे देवी अगर मैं कभी क्रोध में आग बनू तो तुम पानी बन जाना। पर तुम आग बनोगी तो मै पानी बन जाऊंगा इस समझौते से तुम्हारे जीवन में स्वर्ग उतर आएगा।

कोडरमा मीडिया प्रभारी राज कुमार जैन अजमेरा, नवीन जैन