557 दिन की चुप्पी और साथ में, सिंह निष्क्रीड़ित व्रत के बाद, मन में उमड़ते वो सात सवाल, जिनके जवाब, लाजवाब, धन्य हो जाएंगे , सुनकर आप

0
742

31 जनवरी 2023/ माघ शुक्ल दशमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
557 दिनों तक लगातार चुप्पी, एक शब्द भी होठों से नहीं बुदबुदाना और उसके साथ सिंह निष्क्रीड़ित व्रत का उत्तम रूप से पालन करना, यानी 557 उपवास की ऐसी कड़ी, जो अच्छे अच्छों के होश उड़ा दे। ऐसे में तप, त्याग, उपवास की साधना को उत्तम पराकाष्ठा तक पहुंचा कर, जब कोई इस कड़ी परीक्षा से, तप की अग्नि से होकर गुजरता है, तो वे निश्चय ही 24 कैरेट का कुंदन बन जाता है। तब कई सवाल ऐसे ही मन में कौंध से जाते हैं, जिसके लिए हर मन पिपासु होकर, उस महामानव की ओर देखने लगता है।

ऐसे ही 7 सवाल, जो हर किसी के जेहन में हो, ऐसे ही जिज्ञासाओं का समीकरण बनाकर, चैनल महालक्ष्मी आपके सामने प्रस्तुत करेगा। अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज से ऐसे सात सवाल, आप भी शायद जानना चाहेंगे :

पहला, जीवंत मूलाचार को किसी ने देखा क्या? उसको कोई पड़ नहीं सकता? समझ नहीं सकता, क्या है वह?

दूसरा, मौत के मुंह में जाते हुए हम सब ने कई देखे होंगे , पर कोई मौत के मुंह में जाकर क्या वापस लौट सकता है? जो निकलता है वह विरला ही होता है । अपने पुण्य से, त्याग से।

तीसरा , उपवास, साधना करना क्या इतना ही आसान है, वह भी 557 दिनों की लगातार साधना? क्या कोई तकलीफ नहीं आती?

चौथा, गर्मी जब सहन ना होती हो, ऐसे में कठिन उपवास 15- 15 दिन के लगातार , वह भी 557 दिन और लगातार मौन भी साथ , जब रास्ता बहुत लंबा हो, मंजिल तक, तो समाधान कौन निकाले?

पांचवा, सुना और पढ़ा तो बहुत है कि तप्त तप ऋद्धि से मल भी वाष्प बनकर उड़ जाता था। हां, वह चौथे काल के महामुनिराज थे, ऋद्धिधारी। पंचम काल में भी क्या ऐसा संभव है?

छठा, संकल्प जोश में बहुत ले लिए जाते हैं , पर क्या कभी पूरे करने का भी जज्बा होता है ? ऐसा कौन सा संकल्प और क्या वह पूरा हुआ?

सातवां, क्या संभव है, बिना लाइट के कोई सुनसान पहाड़ पर, रात भर जगता रहे , लगातार अनेक महीने और हां जगे तो क्या करे? जब दूर दूर तक, उसके पास हवा और उसकी परछाई के अलावा कुछ नहीं हो, तो क्या किया फिर?

बस ऐसे ही सात जिज्ञासाए, मन में उठते किंतु परंतु के बीच, आप सबके मन को अचंभित करने वाले , इन सवालों के जवाब पाएंगे हम सब, उन्हीं श्रेष्ठतम तप करने वाले, अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज से, चैनल महालक्ष्मी के बुधवार, फरवरी माह के पहले दिन, यानी 1 तारीख को रात्रि 8:00 बजे के विशेष एपिसोड में।

सचमुच वे जवाब, जो इन सवालों के मिलेंगे , आप को अचंभित कर देंगे और आप सचमुच कहेंगे कि यही है श्रेष्ठतम तप, त्याग, तपस्या की पराकाष्ठा। भूलिएगा नहीं, 1 फरवरी रात्रि 8:00 बजे, चैनल महालक्ष्मी के इस विशेष एपिसोड को देखना ना भूलें।