नकारात्मक सोच हमारे जीवन की ऐसी बाधा है जिसे हम स्वयं उत्पन्न करते हैं – मुनि श्री प्रमाण सागर

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शिक्षा व संस्कार से व्यक्तित्व का विकास – मुनि श्री प्रमाण सागर
जबलपुर, 15 जनवरी (सान्ध्य महालक्ष्मी)। श्री वर्णी गुरुकुल में मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा कि शिक्षा के साथ जब संस्कार जुड़ जाते हैं, तब सोने में सुहागा चरितार्थ होता है और व्यक्ति के विकास का आधार तैयार किया जाता है। अज्ञान के कारण ही मनुष्य के अंदर भय पनपता है। भय ऐसा शत्रु है जिसके कारण हम स्वयं है, नकारात्मक सोच हमारे जीवन की ऐसी बाधा है जिसे हम स्वयं उत्पन्न करते हैं। इसीलिए शंका में न अटक कर समाधान का रास्ता खोजना चाहिए।