गुणायतन प्रणेता 22 मार्च को शिखरजी से निकले और 27 जून को वापस पावन पारसनाथ तीर्थ पर लौटे, यही होगा चातुर्मास

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28 जून 2022/ आषाढ़ कृष्ण अमावस /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
पारसनाथ‎ जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल ‎ ‎ मधुबन स्थित शाश्वत तीर्थ राज ‎ ‎ सम्मेदशिखर की पावनधरा में‎ आचार्य विद्यासागर जी महाराज के ‎ ‎ परम प्रभावक शिष्य मुनिराज प्रमाण ‎ ‎ सागरजी महाराज ससंध का मंगल ‎ ‎ प्रवेश सोमवार को गुणायतन न्यास ‎ ‎ परिसर मे ढोल नगाडे व‎ जयजयकार का नारे लगाते हुए ‎ ‎ करवाया गया। मुनि श्री धनबाद में ‎ ‎ पंचकल्याणक महोत्सव में‎ उपस्थित होकर महोत्सव को‎ समापन करके महोत्सव स्थल से‎ पैदल विहार करते हुए मधुबन‎ पहुंचे। जैन तीर्थनगरी मधुबन‎ पारसनाथ की पवित्र भूमि पर‎ सोमवार को आचार्य 108 श्री‎ विद्या सागर जी महाराज के परम‎ प्रभावक शिष्य मुनि 108 श्री‎ प्रमाण सागर महाराज ससंघ का‎ मंगल प्रवेश में मधुबन के सकल‎ ‎ ‎ ‎ जैन समाज समेत झारखण्ड व‎ विभिन्न प्रान्तों से सैकड़ों की संख्या‎ में मुनि भक्त सम्मिलित हुए।‎ मुनिश्री का मंगल प्रवेश धनबाद के‎ रास्ते तोपचांची, नौकनियां,‎ पांडेडीह होते हुए मधुबन में कराया‎ गया। मुनि श्री 108 प्रमाण सागर‎ जी महाराज के संघ में उनके साथ‎ मुनि श्री 108 अर्ह सागर जी‎ महाराज व ब्रह्मचारीगण शामिल‎ ‎ ‎ ‎ थे। राष्ट्रीय संत आचार्य 108 ‎ ‎ विद्यासागर जी महाराज के परम‎ शिष्य मुनि श्री 108 प्रमाण सागर‎ जी महाराज जिन्हें शंका समाधान‎ का जनक कहा जाता है। देश ही‎ नहीं विदेशों में भी मुनि श्री के शंका‎ समाधान को लाइव देखने वाले‎ हजारों भक्त हैं। मुनि श्री का‎ चातुर्मास सम्मेद शिखरजी में‎ सम्पन्न हुआ था।‎

मौके पर ये लोग भी थे मौजूद‎ मौके पर मुख्य रूप से जैन समाज के अध्यक्ष सतेन्द्र कुमार जैन, महामंत्री‎ ऋषभ जैन, अतुल जैन, सीईओ सुभाषचंद्र जैन, संजय जैन, कैलाश जैन,‎ अभिनव जैन, राजेश जैन, मनोज जैन, बिनोद जैन, प्रेमचंद जैन, सुधीर‎ जैन, सुशील जैन, अजय जैन, नेमीचंद जैन, अभय जैन, अर्पित जैन,‎ प्रांकुल जैन, अभिषेक जैन, मुक्ता जैन, प्रवीण जैन, दिलीप जैन, अजीत‎ जैन, ममता जैन, मणीषा जैन, सरीता जैन, सुधा जैन, राजेश कुमार जैन‎ सरीया, सुनील कुमार जैन अजमेरा हजारीबाग आदि लोग शामिल थे।‎
महिला जैन समाज ने लगाए जयकारे‎ गौरतलब हो की मुनिश्री मधुबन से विहार 22 मार्च को पटना की ओर निकले‎ थे। मुनिश्री बिहार प्रदेश के पंचतीर्थ की यात्रा करते हुए धनबाद गए थे। फिर‎ धनबाद में धार्मिक अनुष्ठान करते हुए पुन: शिखरजी आए हैं। उसी निमित‎ पारसनाथ पर्वत का परिक्रमा करते हुए निमियांघाट के रास्ते होते हुए बांध पंचायत‎ के पाण्डेडीह, मधुबन पंचायत के पीपराडीह, बेडी, मैजपुर होते हुए सीधे‎ कुन्द-कुन्द कहान नगर पहुंचे। वहां पर जैन समाज के सदस्यों के अलावा‎ मधुबन महिला जैन समाज के लोग झंडे पताखे व गाजे-बाजे के साथ स्वागत‎ कर जयजयकार का नारा लगाते हुए मंगल प्रवेश कराया। तत्पश्चात मुनिश्री व‎ ससंध का पाद प्रक्षालन किया गया। फिर पैदल आ रहे ससंध के लोग मंदिर का‎ दर्शन करते हुए सीधे श्री दिगम्बर जैन तेरापंथी कोठी परिसर में आकर प्रभुजी का‎ दर्शन करते हुए सीधे गुणायतन न्यास पर पहुंचकर यात्रा की समाप्ति की।‎

महिला जैन समाज ने लगाए जयकारे‎ गौरतलब हो की मुनिश्री मधुबन से विहार 22 मार्च को पटना की ओर निकले‎ थे। मुनिश्री बिहार प्रदेश के पंचतीर्थ की यात्रा करते हुए धनबाद गए थे। फिर‎ धनबाद में धार्मिक अनुष्ठान करते हुए पुन: शिखरजी आए हैं। उसी निमित‎ पारसनाथ पर्वत का परिक्रमा करते हुए निमियांघाट के रास्ते होते हुए बांध पंचायत‎ के पाण्डेडीह, मधुबन पंचायत के पीपराडीह, बेडी, मैजपुर होते हुए सीधे‎ कुन्द-कुन्द कहान नगर पहुंचे। वहां पर जैन समाज के सदस्यों के अलावा‎ मधुबन महिला जैन समाज के लोग झंडे पताखे व गाजे-बाजे के साथ स्वागत‎ कर जयजयकार का नारा लगाते हुए मंगल प्रवेश कराया। तत्पश्चात मुनिश्री व‎ ससंध का पाद प्रक्षालन किया गया। फिर पैदल आ रहे ससंध के लोग मंदिर का‎ दर्शन करते हुए सीधे श्री दिगम्बर जैन तेरापंथी कोठी परिसर में आकर प्रभुजी का‎ दर्शन करते हुए सीधे गुणायतन न्यास पर पहुंचकर यात्रा की समाप्ति की।‎
– दैनिक भास्कर से साभार