28 जून 2022/ आषाढ़ कृष्ण अमावस /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
पारसनाथ जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुबन स्थित शाश्वत तीर्थ राज सम्मेदशिखर की पावनधरा में आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिराज प्रमाण सागरजी महाराज ससंध का मंगल प्रवेश सोमवार को गुणायतन न्यास परिसर मे ढोल नगाडे व जयजयकार का नारे लगाते हुए करवाया गया। मुनि श्री धनबाद में पंचकल्याणक महोत्सव में उपस्थित होकर महोत्सव को समापन करके महोत्सव स्थल से पैदल विहार करते हुए मधुबन पहुंचे। जैन तीर्थनगरी मधुबन पारसनाथ की पवित्र भूमि पर सोमवार को आचार्य 108 श्री विद्या सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि 108 श्री प्रमाण सागर महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश में मधुबन के सकल जैन समाज समेत झारखण्ड व विभिन्न प्रान्तों से सैकड़ों की संख्या में मुनि भक्त सम्मिलित हुए। मुनिश्री का मंगल प्रवेश धनबाद के रास्ते तोपचांची, नौकनियां, पांडेडीह होते हुए मधुबन में कराया गया। मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज के संघ में उनके साथ मुनि श्री 108 अर्ह सागर जी महाराज व ब्रह्मचारीगण शामिल थे। राष्ट्रीय संत आचार्य 108 विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज जिन्हें शंका समाधान का जनक कहा जाता है। देश ही नहीं विदेशों में भी मुनि श्री के शंका समाधान को लाइव देखने वाले हजारों भक्त हैं। मुनि श्री का चातुर्मास सम्मेद शिखरजी में सम्पन्न हुआ था।
मौके पर ये लोग भी थे मौजूद मौके पर मुख्य रूप से जैन समाज के अध्यक्ष सतेन्द्र कुमार जैन, महामंत्री ऋषभ जैन, अतुल जैन, सीईओ सुभाषचंद्र जैन, संजय जैन, कैलाश जैन, अभिनव जैन, राजेश जैन, मनोज जैन, बिनोद जैन, प्रेमचंद जैन, सुधीर जैन, सुशील जैन, अजय जैन, नेमीचंद जैन, अभय जैन, अर्पित जैन, प्रांकुल जैन, अभिषेक जैन, मुक्ता जैन, प्रवीण जैन, दिलीप जैन, अजीत जैन, ममता जैन, मणीषा जैन, सरीता जैन, सुधा जैन, राजेश कुमार जैन सरीया, सुनील कुमार जैन अजमेरा हजारीबाग आदि लोग शामिल थे।
महिला जैन समाज ने लगाए जयकारे गौरतलब हो की मुनिश्री मधुबन से विहार 22 मार्च को पटना की ओर निकले थे। मुनिश्री बिहार प्रदेश के पंचतीर्थ की यात्रा करते हुए धनबाद गए थे। फिर धनबाद में धार्मिक अनुष्ठान करते हुए पुन: शिखरजी आए हैं। उसी निमित पारसनाथ पर्वत का परिक्रमा करते हुए निमियांघाट के रास्ते होते हुए बांध पंचायत के पाण्डेडीह, मधुबन पंचायत के पीपराडीह, बेडी, मैजपुर होते हुए सीधे कुन्द-कुन्द कहान नगर पहुंचे। वहां पर जैन समाज के सदस्यों के अलावा मधुबन महिला जैन समाज के लोग झंडे पताखे व गाजे-बाजे के साथ स्वागत कर जयजयकार का नारा लगाते हुए मंगल प्रवेश कराया। तत्पश्चात मुनिश्री व ससंध का पाद प्रक्षालन किया गया। फिर पैदल आ रहे ससंध के लोग मंदिर का दर्शन करते हुए सीधे श्री दिगम्बर जैन तेरापंथी कोठी परिसर में आकर प्रभुजी का दर्शन करते हुए सीधे गुणायतन न्यास पर पहुंचकर यात्रा की समाप्ति की।
महिला जैन समाज ने लगाए जयकारे गौरतलब हो की मुनिश्री मधुबन से विहार 22 मार्च को पटना की ओर निकले थे। मुनिश्री बिहार प्रदेश के पंचतीर्थ की यात्रा करते हुए धनबाद गए थे। फिर धनबाद में धार्मिक अनुष्ठान करते हुए पुन: शिखरजी आए हैं। उसी निमित पारसनाथ पर्वत का परिक्रमा करते हुए निमियांघाट के रास्ते होते हुए बांध पंचायत के पाण्डेडीह, मधुबन पंचायत के पीपराडीह, बेडी, मैजपुर होते हुए सीधे कुन्द-कुन्द कहान नगर पहुंचे। वहां पर जैन समाज के सदस्यों के अलावा मधुबन महिला जैन समाज के लोग झंडे पताखे व गाजे-बाजे के साथ स्वागत कर जयजयकार का नारा लगाते हुए मंगल प्रवेश कराया। तत्पश्चात मुनिश्री व ससंध का पाद प्रक्षालन किया गया। फिर पैदल आ रहे ससंध के लोग मंदिर का दर्शन करते हुए सीधे श्री दिगम्बर जैन तेरापंथी कोठी परिसर में आकर प्रभुजी का दर्शन करते हुए सीधे गुणायतन न्यास पर पहुंचकर यात्रा की समाप्ति की।
– दैनिक भास्कर से साभार