वैक्सीन नहीं तो कुछ नहीं – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

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हम बोल चाल की भाषा में बोलते है ना कि एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है। यह बात अब समझ में आ जानी चाहिए। केन्द्र सरकार, राज्य सरकार अरबों रुपये खर्च कर वैक्सीन लगवाने का आग्रह कर रही है। उसके पीछे उद्देश्य यही है कि वैक्सीन लगने के बाद कोरोना से लड़ने की शक्ति हमारे शरीर में पैदा हो जाएगी। पर एक भी मनुष्य बिना वैक्सीन के रहा तो महामारी फैलने का डर बना रहेगा। आप को ध्यान होना चाहिए कि यह कोरोना महामारी एक प्राणी के निमित्त ही फैली है अर्थात कोरोना पहले एक प्राणी को हुआ फिर वह धीरे-धीरे फैला और इतनी तेजी से फैला की पूरा विश्व इस महामारी की चपेट में आ गया। अगर आप यह समझ रहे हैं कि 3-4 महीने में कोरोना चला जाएगा तो यह किसी भी कीमत पर संभव नही है।

जब तक भारत के हर नागरिक को वैक्सीन नही लगेगी तब तक महामारी खत्म होने की संभावना नही है। आप अपनांे की फोटो पर माला और संवेदना के नाम पर ऊँ शांति नहीं बोलना या लिखना चाहते हो तो आज ही संकल्प करो। यह संकल्प हर मनुष्य को करना है कि बिना भेदभाव के भारत के हर नागरिक को वैक्सीन लगाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। जीवन का एक मिशन बना ले कि मुझे दिन में 2-3 घंटे या और अधिक समय लोगो को वैक्सीन लगाने के प्रेरित करने में लगाना है, तभी कोरोना महामारी को भारत में जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

एक बात ध्यान रखना हम भारतीय हैं और भारत की संस्कृति रही है कि दवाई के साथ प्रार्थना भी करना होती है। बिना प्रार्थना के दवा भी काम नही करती है। जब आप एक डॉक्टर के पास जाते हो और कहते हो कि ऑपरेशन कर इसकी जान बचा लो तो डॉक्टर यही कहता है कि हम तो कोशिश कर रहे हैं बाकी भगवान के हाथ में है। बस तुम भी सुबह उठकर दुआ करना कि हे भगवान हर मनुष्य वैक्सीन लगवा ले और इस प्रार्थना के बाद लोगो को प्रेरित करने में लग जाना। सफलता अवश्य मिलेगी। वैक्सीन लगवाने के लिए सरकार को कड़े कदम भी उठाना पड़े तो उठाना चाहिए।

सब को यह करना होगा-

सरकार कहे कि वैक्सीन नहीं तो सरकारी सुविधा नहीं।
साधु कहें कि वैक्सीन नहीं तो आशीर्वाद नहीं।
वकील कहें कि वैक्सीन नहीं तो केस नहीं लड़ेंगे।
आम जनता कहे कि वैक्सीन नहीं तो रिश्ते नहीं।
पुलिस कहें कि वैक्सीन नहीं तो रिपोर्ट नहीं ।
डॉक्टर कहें कि वैक्सीन नहीं तो इलाज नहीं ।
शिक्षक कहें कि वैक्सीन नहीं तो पढ़ाई नहीं ।
नेता कहें कि वैक्सीन नही तो सुनवाई नही ।
फिल्मी दुनिया कहे कि वैक्सीन नहीं तो फिल्म नहीं ।
घर का मालिक बोले कि वैक्सीन नहीं तो काम नहीं ।
मीडिया वाले बोलें कि वैक्सीन नहीं तो टीवी- पेपर में नाम नहीं।

ऐसे और भी क्षेत्र है जहां पर हर मनुष्य को प्रतिदिन कोई ना कोई काम पड़ता है। वहां पर यही संकल्प हो तो पूरे देश में 2-3 साल में हर मनुष्य को वैक्सीन लग जाएगी और हम कोरोना को हरा देंगे।

अनंत सागर