04 नवंबर 2023 / कार्तिक कृष्ण सप्तमी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /
दिल्ली में देखिये पावापुरी, महावीर स्वामी के पांचों कल्याणक, समोशरण, दिव्यध्वनि,
चंदनबाला आहार, पांचों नाम – एक साथ सबकुछ, अगर यह नहीं देखा, तो कुछ नहीं देखासान्ध्य महालक्ष्मी / 03 नवंबर 2023
दिल्ली क्या, उत्तर भारत क्या, शायद आपमें से अधिकांश ने वह दृश्य नहीं देखे होंगे, जो आप तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी के मोक्ष कल्याणक से अगले दिन यानि बुधवार 14 नवम्बर को दिल्ली के ऋषभ विहार के सन्मति मण्डप में देख पाएंगे। जी हां, एक साथ 55 नई पिच्छी देने और आचार्य श्री सुनील सागरजी महामुनिराज संघ के 55 संतों के कर कमलों में अहिंसा के उपकरण के रूप में थामी हुई 55 उन पिच्छियों को लेने का सौभाग्य यानि एक साथ 110 पिच्छियों को आदान-प्रदान। निकट अतीत में तो शायद किसी ने ऐसे दृश्य न देखे हों। और महासौभाग्य वह जो, दिल्ली वालों ने सोचा भी नहीं, धर्मत्व के साथ, जी हां धन की बोली नहीं (जो दिल्ली में प्राय: देखी जाती है) बल्कि वह तप की, व्रत की, धर्म की, ऐसा बुंदेलखंड या अन्य कहीं तो देखा होगा, पर 110 एक साथ, कभी नहीं देखा होगा।
यही नहीं, आपकी भी सौभाग्य लाटरी खुल सकती है। बस एक फार्म भरिये और अपने सौभाग्य की लाटरी जीतने का इंतजार 14 नवंबर को खत्म करिये। आपको इसके लिये फार्म भरना होगा जो ह्यरंल्लें३्र२४ल्ल्र’ेंह्ण एप पर आनलाइन भर सकते हैं या फार्म ऋषभ विहार मंदिर से भी प्राप्त कर सकते हैं। पर हां, 05 नवंबर तक भरना होगा, फिर 55 पिच्छी का, वर्तमान का सबसे बड़ा दिगंबर संतों का संघ, उन सब फार्मों को परखेगा, जांचेगा और 110 के लिये, जी हां, तभी तो कहा सान्ध्य महालक्ष्मी ने, कि सौभाग्य आपको बुला रहा है। मत चूकिए यह मौका, क्योंकि जीवन में ऐसे अवसर बहुत दुर्लभ होते हैं। फिर बाद में यही कहना पड़ता है कि अब पछताय होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत।
अगर यह नहीं देखा तो, कुछ नहीं देखा…
जी हां, जिस ऋषभ विहार दि. जैन मंदिर ने अष्टापद, कैलाश पर्वत रचना से इस वर्ष के शुरू में लाखों लोगों का दिल जीत लिया था, दिल्ली में वो दर्शन करा दिये थे, अब आचार्य श्री सुनील सागरजी महामुनिराज के परम सान्निध्य में तीर्थंकर महावीर स्वामी के 2550वें मोक्षकल्याणक महामहोत्सव के पावन अवसर पर शुक्रवार 10 नवम्बर 2023 से वो रचना साकार हो रही है, जिसे आपने नहीं देखा, तो समझो आपने कुछ नहीं देखा।
95% दिल्ली वालों ने पावापुरी के दर्शन नहीं किये। 90 फीसदी ने पांचों कल्याणक नहीं देखे। 75 फीसदी ने समोशरण, दिव्य ध्वनि का आत्मसात नहीं किया, 70 फीसदी ने महावीर स्वामी के पांचों नामों के कारणों को नहीं जाना, 65 फीसदी ने चंदनबाला द्वारा आहार की कल्पना भी नहीं की। सौ फीसदी, यानि सभी ने कभी इनका एक साथ अनुभव नहीं किया, दर्शन नहीं किया, और वो सब पहली बार देख पायेंगे ऋषभ विहार दिगंबर जैन मंदिर में 10 नवंबर 2023 से। उसे देखने फिर दिल्ली ही नहीं एनसीआर ही नहीं, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड आदि अनेकों राज्यों से दर्शनार्थी आएंगे। विश्वास कीजिए, ऐसा सौभाग्य फिर कब मिले, पता नहीं।
2550 दीपों के साथ करें शुरूआत
चार दिनों में तीसरा बड़ा महोत्सव ऋषभ विहार में है 13 नवंबर को, जो पूरे वर्ष चलने वाले 2550वें मोक्ष कल्याणक महोत्सव की शुरूआत होगी, तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी की 2550 दीपों से भक्ति। तीनों ही कार्यक्रम आनंदपूर्ण, नयनाभिराम, भक्ति उल्लास से होंगे। बस आप अपने पुण्यार्जन के लिये सपरिवार आना न भूलिएगा।