भगवान महावीर स्वामी की निर्वाण भूमि पावापुरी जी सिद्ध क्षेत्र पर, भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण प्राप्ति के पूर्व भगवान का अंतिम समोशरण भी लगा था । परंतु उसके प्रतीक स्वरूप कोई भी समोशरण मंदिर अपने क्षेत्र पर नहीं था । यह बात पिछले 2 सालों से मेरे दिमाग में चल रही थी ।
आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के पावापुरी आगमन के दौरान मैंने अपने मन की बात उनसे कहीं और आचार्य जी से निवेदन किया कि ऐसा ही कमल के ऊपर कल्पवृक्ष और भगवान महावीर स्वामी की 4 प्रतिमाएं चारों दिशा में हम लोग पांडुक शिला पर विराजमान करना है।
पावापुरी जी सिद्ध क्षेत्र पर जल मंदिर के दाएं तरफ बने पांडुकशिला परिसर, जहां प्रतिवर्ष निर्वाण महोत्सव के समय रथ पर भगवान को विराजमान करके ले जाया जाता है, और वहां पर अभिषेक पूजन किया जाता है, भगवान महावीर स्वामी का समोशरण कल दिनांक 28-10- 2021 को विराजमान कर दिया गया है ।
भगवान महावीर स्वामी की अंतिम देशना स्थली के प्रतीक स्वरूप यह समोशरण बहुत ही सुंदर बनकर तैयार हुआ है । इसके आगे एक चौबीसी मानस स्तंभ भी बहुत जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा।
– पराग जैन, पटना-आरा