नई रेल लाइन की लंबाई 49 किलोमीटर -पारसनाथ से मधुबन होकर गिरिडीह तक के रेल प्रोजेक्ट के लिए बजट में 50 करोड़ रुपये का फंड, पर लागत 451.45 करोड़

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क्या बरसों का इंतजार अब पूरा हो जाएगा यह सवाल उठता है जब इस बार का बजट देखा जाता है वैसे सभी ने बजट देखा पर शायद इस पर नजर नहीं गई एक खुशखबरी मिल गई जब वर्षों से रुका प्रोजेक्ट पारसनाथ से मधुबन होकर गिरिडीह तक के लिए 50 करोड़ का इस बार फंड मिला है

पारसनाथ से मधुबन और मधुबन से गिरिडीह तक रेलगाड़ी से सफर का ख्वाब अब धीरे-धीरे हकीकत में बदल रहा है। पिछले कई बजट में उपेक्षित पारसनाथ मधुबन गिरिडीह रेल लाइन के लिए इस बजट में प्रारंभिक फंड की स्वीकृति दे दी गई है।
धीरे-धीरे हकीकत में बदल रहा है। पिछले कई बजट में उपेक्षित पारसनाथ मधुबन गिरिडीह रेल लाइन के लिए इस बजट में प्रारंभिक फंड की स्वीकृति दे दी गई है। वित्तीय वर्ष 2022- 23 के बजट में झारखंड की इस महत्वपूर्ण रेल प्रोजेक्ट को 50 करोड़ रुपये का फंड मिला है। केंद्र सरकार से फंड को ग्रीन सिग्नल मिलने के साथ ही अब प्रोजेक्ट को रफ्तार देने की तैयारी शुरू हो गई है।

पारसनाथ से मधुबन होकर गिरिडीह तक के रेल प्रोजेक्ट की स्वीकृत लागत 451.45 करोड़ रुपये है। यह लागत उस वक्त तय की गई थी जब चार मार्च 2019 को तत्कालीन गिरिडीह सांसद रविद्र पांडेय ने पारसनाथ स्टेशन पर इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। इसके बाद से दो-तीन बजट में इस प्रोजेक्ट को महज 1000 रुपये की ही स्वीकृति मिल रही थी। रेलवे के विभागीय अधिकारी बताते हैं कि 1000 रुपये का फंड वैसी रेल परियोजनाओं के लिए स्वीकृत होती हैं, जिन पर अभी काम शुरू नहीं होना है। पर भविष्य में उस परियोजना पर काम होने की संभावना बनी रहेगी और प्रोजेक्ट जीवित रहेगा। पर इस बार 50 करोड़ से थोड़ा कुछ ज्यादा राशि इस परियोजना के लिए स्वीकृत हुई है। सांसद महेश पोद्दार की पहल रंग लाई :

इस प्रोजेक्ट के लिए राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार काफी प्रयासरत थे। प्रोजेक्ट के लिए फंड उपलब्ध कराने का पत्र रेल मंत्रालय को लिखा था। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर भी इस परियोजना के लिए फंड उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। जोनल स्तर पर भी प्रयासरत रहे। उनका प्रयास सफल रहा और बजट में फंड को मंजूरी मिली। 49 किलोमीटर लंबी होगी प्रस्तावित रेल लाइन :

पारसनाथ से मधुबन होकर गिरिडीह तक बिछने वाली नई रेल लाइन की लंबाई 49 किलोमीटर होगी। इसे कोडरमा गिरिडीह रेल लाइन से जोड़ा जाएगा। इस रेल मार्ग पर चैनपुर हाल्ट, मधुबन , कुम्हार टोला, लखियाटांड हाल्ट व सलैया हाल्ट बनेंगे। पारसनाथ सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों का प्रसिद्ध स्थल है। इस परियोजना के लिए फंड की स्वीकृति स्वागत योग्य है। रेलवे अब जल्द से जल्द निर्माण की प्रक्रिया शुरू कराएं।