खिसक गए 50 जिनालय जैनों से और पारसनाथ बना दिए नागनाथ

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10 अप्रैल 2022//चैत्र शुक्ल नवमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
लक्कुंडी का नागनाथ मंदिर परिवर्तित_जैन मंदिर

एक ऐसा मंदिर जिसे जैन मंदिर से परिवर्तित करके शैव मंदिर में बदल दिया गया और जैन मूर्ति हटाकर शिवलिंग रख दिया,पूरे दक्षिण भारत में ऐसे हजारों मंदिर है,जब जैनों का धर्मांतरण करके उनको हिंदू बनाया गया तब जैन मंदिरों को इस तरीके से बदला गया। जैन समाज की प्राचीन धरोहर , प्राचीन जैन मंदिर से तीर्थंकर पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमा हटाकर वहां पर शिव भक्तों ने स्थापना करवा दी और जैन समाज चुपचाप यह अत्याचार , दुराचार , भ्रष्टाचार , अतिक्रमण , अन्याय और अनीति सहता रहा , कहां गए हमारे जैन ट्रस्ट और टृस्टीगण ,,

कहां है लक्कुंडी
कर्नाटक के गदग जिले का ऐतिहासिक गांव लक्कुंडी एक समय कर्नाटक के इतिहास में महत्त्वपूर्ण शहर था जैन श्राविका दान चिंतामणी अत्तिमब्बे की कथा इसी गांव से जुड़ी है यहां 50 से अधिक जिनालय बने थे,आज सब वीरान पड़े हैं या परिवर्तित हो चुके हैं,नागनाथ मंदिर 11वीं शताब्दी में निर्मित तीर्थंकर पार्श्व का जिनालय था।