संतो के बीच एक संत की शत्रुंजय तीर्थ की रोजाना चार यात्राएं करते हुए 27 उपवास करते इस गिरिराज की 108 यात्राएं पूरी करी देवसिद्ध विजय जी म सा द्वारा और आज 18 जनवरी को अनेक आचार्य संतो की निश्रा में होगा पारणा।
ध्यान देने योग्य यह बात है कि इन महाराज का जन्म मांसाहारी परिवार में हुआ और कन्नड़ भाषी होने के बाद भी जैन मुनि बनने के बाद जप और तप से धर्म ध्यान द्वारा आत्म कल्याण के पथ पर आगे बढ़ते रहे।
आज मिश्रा दाता होंगे आचार्य श्री कुलचंद्र सूरीश्वर जी म सा और संभवत 9 आचार्य भगवंत, 5 पन्नायस भगवंत आदि विशाल श्रमण श्रमणी भगवंतो के सानिध्य में यह पारणा होगी । सचमुच शत्रुंजय गिरिराज की बड़ी तपस्या पर, यह अभूतपूर्व पारणा होगी।