नागपुर से सम्मेद शिखर के लिए यात्रा, परंतु कर्मों के चक्कर के कारण उनका स्वास्थ्य काफी खराब, तीन बार ओम नमः सिद्धाभ्य कहकर अपने शरीर को त्याग

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कुनकुरी छत्तीसगढ़ आचार्य भरत सागर जी महाराज के शिष्य आचार्य पंचकल्याणक सागर जी महाराज का नश्वर शरीर 3 मार्च शाम  पर पंचतत्व में विलीन हो गया । आचार्य पंचकल्याणक सागर जी महाराज राजस्थान बांसवाड़ा जिले के निवासी थे 18 मई 2005 को आपने आचार्य भरत सागर जी से मुनि दीक्षा ग्रहण की थी और अपने जीवन को संयम साधना त्याग तप के मार्ग पर आगे बढ़ाकर आत्म कल्याण एवं जन जन का कल्याण कर रहे थे, वर्ष 2020 का चातुर्मास आपका नागपुर महाराष्ट्र में संपन्न हुआ था.नागपुर महाराष्ट्र चातुर्मास में उनकी भावना थी कि मैं आचार्य पद के रहते हुए 20 तीर्थंकर की मोक्ष स्थली सम्मेद शिखरजी की वंदना करूं .समाज वालों ने उनके निर्णय को स्वीकार करते हुए उनकी यात्रा नागपुर से सम्मेद शिखर के लिए प्रारंभ हुई. परंतु कर्मों के चक्कर के कारण उनका स्वास्थ्य देवरी महाराष्ट्र में काफी खराब हो गया इस कारण उन्होंने पैदल विहार को छोड़कर व्हीलचेयर में आगे की यात्रा प्रारंभ की परंतु विधि के विधान के आगे उनका स्वास्थ्य साथ साथ नहीं दे रहा था।

आचार्य श्री लगातार राजनांदगांव दुर्ग रायपुर सिमगा, भाटापारा, बलोदा बाजार,अकलतरा, होते हुए शिखर जी की ओर बढ़ रहे थे ,अचानक ही उनका स्वास्थ्य 3 मार्च के रात्रि में काफी खराब हुआ उनका बीपी एकदम डाउन हो गया था कुनकुरी जैन समाज के अध्यक्ष श्री रतन लाल जी बड़जात्या और समाज के वरिष्ठ लोग युवा साथी रात्रि विश्राम स्थल चेठवा में डॉक्टर को लेकर गए उनका बीपी चेक कराया उनकी स्थिति बहुत नाजुक थी, सभी लोगों ने णमोकार मंत्र का पाठ किया , रात्रि में 1:35 पर उठकर लघुशंका के लिए गए, और आकर के उनके साथ बिहार कर रहे हैं अरविंद जी को बोला कि तुरंत मेरे पाटे चटाई अलग करो  उन्होंने तीन बार ओम नमः सिद्धाभ्य कहकर अपने शरीर को त्याग दिया ।जैसे ही यह बात पूरे छत्तीसगढ़ का पूरे भारतवर्ष में मालूम पड़ी सभी श्रावक कुनकुरी पहुंचने का प्रयास करने लगे छत्तीसगढ़ मुनि सेवा समिति के अध्यक्ष प्रकाश मोदी. नवीन गदिया,अकलतरा जैन समाज सुशील जी के साथ कोरबा जैन समाज  इंजीनयर प्रमोद जैन जी के साथ  शुशील जैन नैला जैन समाज के श्रावक कुनकुरी पहुंचने लगे।

4 मार्च दोपहर कुरकुरी नगर में महाराज श्री का डोला प्रारंभ हुआ अंतिम यात्रा प्रारंभ हुई पूरे नगर का भ्रमण करते हुए डोला श्री दिगंबर जैन मंदिर के पास पहुंचा जहां पर विधि विधान पूर्वक पंडित अरविंद जी रांची एवं समस्त समाज के सानिध्य में अंतिम क्रिया अग्नि संस्कार सम्पन्न हुई।

जशपुर नगर जिले की समस्त जैन समाज ने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया पूरा जशपुर नगर जिला कुनकुरी, सन्ना ,बगीचा ,नगर के जैन श्रावक परिवारों ने आज के दिन सुबह से ही अपना पूरा व्यापार बंद करआचार्य श्री की अंतिम यात्रा डोला में शामिल हुए, जोकि जैन समाज के लिए एक मिसाल है ,कहीं भी ऐसा देखने में नहीं आता कि पूरा जिला के व्यवसाय बंद रहे जहां कार्यक्रम होता है वहां का एक बार बंद समझ में आता है, लेकिन पूरा जिला बंद मेरी जानकारी में प्रथम बार हुआ है इसके लिए पूरे जशपुर नगर जिला के जैन समाज साधुवाद आप लोगों का देव शास्त्र गुरु के प्रति ऐसे ही श्रद्धा बनी रहे।

जशपुर जैन समाज के अध्यक्ष श्री भागचंद जी जैन अजमेरा ,मंत्री श्री दिलीप बड़जात्या सहित समाज के सभी छोटे बड़े महिला -पुरुष नव युवक ,  गजेंद्र पाटनी अध्यक्ष खंडेलवाल महासभा प्रदीप जी निहाल जी पटौदी आदि  कुनकुरी समाज के सभी सदस्य उपस्थित रही