06 अगस्त 2023/ श्रावण कृष्ण पंचमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन / EXCLUSIVE
आजाद भारत के 76 सालों के इतिहास में, जैन संस्कृति विरासत कैसी है, अब भारत से टूट कर निकले पाकिस्तान में?
इसको देखने का सौभाग्य केवल एक जैन संत को मिला, वह भी अभी हाल में । क्या रहा उनका अनुभव?
कैसे वहां लोग जैन संतों को देखते हैं? सुरक्षा अधिकारियों को क्यों कहना पड़ा उनसे, कि आगे चले जाओ महाराज, यहां पर खतरा हो सकता है?
कई मंदिरों को तोड़ दिया गया। जब जब हमारे देश में किसी मस्जिद पर आक्रमण होता है, तो समझ लीजिए उसके बदले में पाकिस्तान में अनेक मंदिर ध्वस्त कर दिए जाते हैं। ऐसा ही हुआ है बाबरी मस्जिद के समय, अनेकों जैन मंदिर लूट लिए गए और क्या बना दिया उनका?
जहां जहां उनमें वेदी स्थान थे, उनमें आज क्या है?
एक जैन संत ने हिम्मत की, पाकिस्तान में जाने की। वहां जाकर ,अपनी विरासतों को देखने का उन्हें कैसा अनुभव हुआ? क्योंकि पाकिस्तान में भी जैन विरासतों का बहुत प्राचीन इतिहास है। वहां पर जो पहले जैन रहते थे, हां, आज कोई जैन नहीं है, पर अनेक भारत आ गए और अनेकों को वहां पर मुसलमान धर्म स्वीकार करना पड़ा।
ऐसे ही एक दिगंबर जैन महिला, जो मुस्लिम हो गई, उसने कैसे दिया उन संत को आहार, जो पहली बार पहुंचे थे पाकिस्तान। बहुत कुछ जानकारी, सीधा उन्हीं आचार्य श्री के मुख से, जो उन्होंने वहां देखा। कैसे देखा ?
आज रविवार, 6 अगस्त को, रात्रि 8:00 बजे के चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नंबर 2033, में आप देख सकते हैं। हमारे देश में जैन संस्कृति विरासत को जैसे कोई निगलने की कोशिश कर रहा है, बदलने की कोशिश कर रहा है, तो क्या पड़ोसी पाकिस्तान में वैसा ही है?
कैसे है आज पड़ोस के पाकिस्तान में जैन विरासत? देखिएगा जरूर, आज रविवार 6 अगस्त को रात्रि 8:00 बजे चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नंबर 2033 में, वहां की जुबानी, आंखों देखी अनकही कहानी।