पावन दिन- चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा जिस दिन तीर्थंकर पदम प्रभु जी को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई

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15अप्रैल 2022//चैत्र शुक्ल चतुर्दशी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
कौशांबी नगरी में 6 माह के कठोर तप के बाद, छठे तीर्थंकर श्री पदम प्रभु जी को, मनोहर वन में अपरन्ह काल में प्रियंगु वृक्ष के नीचे केवल ज्ञान की प्राप्ति हो गई ।

तब सौ धर्मेंद्र की आज्ञा से , कुबेर ने तत्काल 114 किलोमीटर विस्तार के समोशरण की रचना की ।

आपके 111 गणधर थे और केवल्य काल एक लाख पूर्व ,16 पुरवांग, 6 माह का रहा।

पावन दिन था चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा जिस दिन तीर्थंकर पदम प्रभु जी को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

बोलिए, पदम प्रभु भगवान के केवल ज्ञान कल्याणक की जय जय जय।