गुजरात के वडोदरा में खुले में मांसाहारी भोजन बेचने वालों पर नकेल कसने की तैयारी है। स्थानीय रिपोर्ट्स का कहना है कि अधिकारियों को ये निर्देश दिए गए हैं कि मांसाहारी भोजन खुले में स्टॉल पर ना बिके और जो लोग इसे बेच रहे हैं, वह मांसाहारी भोजन को पूरी तरह से कवर करके रखें। अंडे और उससे बनी चीजों को भी खुले में बेचने वालों पर ये नियम लागू होगा।
इससे पहले गुजरात के एक अन्य शहर राजकोट के मेयर ने ये निर्देश दिए थे कि मांसाहारी भोजन बेचने वाले स्टॉल को हॉकिंग जोन तक सीमित रखा जाए और इन्हें मुख्य सड़कों से दूर किया जाए। इस फैसले के बाद ही वडोदरा भी इस दिशा में सक्रिय दिख रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने ये निर्देश दिया है कि सभी खाद्य स्टालों, विशेष रूप से मांसाहारी भोजन जैसे मछली, मांस और अंडे बेचने वाले ये सुनिश्चित करें कि भोजन स्वच्छता कारणों से अच्छी तरह से कवर किया जाए और उन्हें मुख्य सड़कों से भी हटा दिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है।
अधिकारी का कहना है कि कोई भी मांसाहारी भोजन किसी को भी दिखाई न दे क्योंकि इसका संबंध हमारी धार्मिक भावनाओं से है। उन्होंने ये भी कहा कि हो सकता है कि ये काफी पुरानी प्रथा हो कि मांस को पूरी तरह दिखाकर बेचा जाए, लेकिन अब इस प्रथा को सही करने का समय आ गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य के कानून मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा है कि फुटपाथ पर खाद्य पदार्थों की बिक्री लैंड ग्रैबिंग है। यह भी एक तरह का अतिक्रमण है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि फुटपाथ राहगीरों के लिए है, उस पर अतिक्रमण नहीं किया जा सकता। सड़क किनारे बनने वाले फूड से राहगीरों को परेशानी होती है और मसाले का धुंआ वगैरह उनकी आंखों को नुकसान पहुंचाता है।
वडोदरा में ये निर्देश कथित तौर पर हितेंद्र पटेल द्वारा पारित किए गए थे, जो वडोदरा नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। वहीं स्थानीय रिपोर्टों का कहना है कि इन निर्देशों का पालन कैसे किया जाएगा, इस बारे में अभी जमीनी स्तर पर भ्रम की स्थिति है।
Source :Janasatta