गिरनार जी में स्वस्थ्य क्षुल्लक श्री की असमय मृत्यु हुई या धमकियां देने के बाद…. एक खुलासा, सीधा वहां पर घटनाओं को देख रहे आचार्य के द्वारा

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23 नवंबर 2022/ मंगसिर कृष्ण अमावस/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
किस ब्रह्मचारिणी के पाप कर्म का हो गया उदय और किस ब्रह्मचारी ने किया क्षेत्र पर पापाचार और भ्रष्टाचार?
स्वस्थ क्षुल्लक महाराज की कैसे हो गई मृत्यु, बिना जांच के आनन-फानन क्यों करी गई अंतिम क्रियाएं ?
वहां पर विराजमान एक संत पर कौन से लगे आरोप?
क्या है बेनामी संदिग्ध बैंक खाते, जिनका होना चाहिए खुलासा?

और भी अनेक गंभीर आरोप लगाए हैं आचार्य श्री निर्भय सागर जी ने ।
खुलासा आज 23 नवंबर रात्रि 8:00 बजे चैनल महालक्ष्मी पर।

विश्वास तो नहीं होता, पर आज व्यथित भावों से आपके बीच में आना पड़ रहा है चैनल महालक्ष्मी को, क्योंकि लगातार पावन तीर्थ श्री गिरनार जी पर , जो कुछ उस तलहटी में , विश्व शांति निर्मल ध्यान केंद्र यानी समोशरण मंदिर में हो रहा है, उसका दर्द पट्टाचार्य श्री निर्भय सागर जी उमटा वालों ने जो खुलासा किया। आज चैनल महालक्ष्मी उसको बताने में मजबूर हो गया , जिस पर पूरा एपिसोड, सभी घटनाओं का खुलासा करते हुए और आचार्य श्री निर्भय सागर जी द्वारा लगाए गए आरोप के बारे में, बुधवार 23 नवंबर के रात्रि 8:00 के एपिसोड में, आपको देखने और सुनने को मिल सकेगा ।

ध्यान रहे उन्होंने बिंदुवार कई आरोप लगाए और अब तक यह पहली बार नहीं, वह अपनी व्यथा 5 बार पहले भी ट्रस्ट से कर चुके हैं। पर कहते हैं ना , कभी किसी की कान पर जूं नहीं रेंगती, तो मीडिया का सहारा लेना ही पड़ता है इसी दर्द के साथ अभी हाल में 21 नवंबर को जो ट्रस्ट गण व समस्त दिगंबर जैन समाज को आशीर्वाद देते हुए , एक पत्र मैं अपना दर्द व्यक्त किया , जिसकी प्रतिलिपि जूनागढ़ के ट्रस्ट आयोग को भी सौंपी गई, ऐसा दावा है । उसी के बिंदुओं पर चैनल महालक्ष्मी ने आचार्य से विशेष चर्चा की और जो उन्होंने बताया वह सचमुच रोंगटे खड़े करने वाला था।

उन्होंने वहां की ब्रह्मचारिणी, ब्रह्मचारी , वहां विराजमान एक संत पर इस तरह के आरोप लगाए , जिनके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। भ्रष्टाचार में कितना लिप्त है वहां, क्या उन सब की जानकारी तब वहां पर क्षुल्लक श्री अजीत सागर जी को थी और जिसके कार्यकलापों की जानकारी उन्होंने ट्रस्टी पारस बज जी को भी दी थी तो उन्हें क्या धमकियां दी गई और पूर्ण स्वस्थ होने के बावजूद वे अपने कमरे में मृत पाए गए । उसकी जांच पड़ताल की आवाज भी उठाई, जो नहीं की गई तथा आनन-फानन अंतिम क्रिया संपन्न करा दी गई । इस बारे में आचार्य श्री निर्भय सागर जी ने कई पत्र लिखे कि अगर मुझे क्षेत्र की रक्षा का दायित्व देते हुए पट्टाचार्य का पद देकर दायित्व सौंपा गया है, पर चौकड़ी की जड़े इतनी गहरी हैं कि उन्हें उखाड़ पाने से मैं अपने आप को असमर्थ पा रहा हूं और आप सभी की निष्क्रियता से मुझे भी पाप बोध हो रहा है ।

उन्होंने संस्था के 10 सालों के आय-व्यय का लेखा-जोखा तैयार कर सार्वजनिक करने को भी कहा और बेनामी संदिग्ध बैंक खातों का पता लगाने की भी अपील की। इसी तरह से उनके द्वारा कई आरोप लगाए गए हैं । पर बार-बार पत्र लिखने के बावजूद ट्रस्ट द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाने के कारण, उनका चैनल महालक्ष्मी से संपर्क हुआ और आज मजबूरन निर्मल ध्यान केंद्र और समोशरण मंदिर की सुचारू व्यवस्था चलाने के लिए, उसे सुरक्षित रखने के लिए ,भ्रष्टाचार के आरोपों से दूर करने के लिए, चैनल महालक्ष्मी आज 24 नवंबर को रात्रि 8:00 के एपिसोड में समाज के हित में वह जानकारी प्रस्तुत करेगा ,जिनका खंडन उसके एक प्रमुख अधिकारी पारस बज भी नहीं करते और स्वीकारते हैं कि हां इतने पत्र मिले हैं और आचार्य द्वारा कही गई बात का मैं खंडन नहीं कर सकता । पर हाँ, इन बातों को संज्ञान में लिया तो है और उपयुक्त समय पर कार्यवाही का आश्वासन तो देते हैं, पर यह आश्वासन कब पूरा होगा? यह समाज को भी चेतना होगा।

और हां जाने से पहले, दो अपील चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी आपसे जरूर करेगा कि आगामी 4 दिसंबर को दिल्ली में नगर निगम का मतदान होना है ।इसमें आपको अपने सभी सभी खड़े जैन उम्मीदवार भाइयों को जिताना है ।यह हम सब की जिम्मेदारी है और इसके लिए मतदान करने जरूर आना है

और वही 18 दिसंबर को सभी को सपरिवार लाल किला मैदान पहुंचना है । जी हां 18 दिसंबर लाल किले मैदान पर जहां पर शाश्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी के लिए। जन बल के साथ प्रशासन सरकार से अपील की जाएगी कि तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन की परिधि में मत लाइए बल्कि उन्हें पवित्र क्षेत्र घोषित कीजिए जैसे वैष्णो देवी है , काशी है, अयोध्या है , मथुरा है, और उसी तरह श्री सम्मेद शिखरजी भी एक पवित्र क्षेत्र घोषित हो, जैसे पालीताना सबसे पहले शाकाहारी क्षेत्र घोषित किया गया था ।

जरा सी सुविधाएं हमें खतरनाक रास्ते पर मोड़ सकती हैं और उन आशंकाओं को दूर करने के लिए हमारा तीर्थ पवित्र क्षेत्र घोषित हो ना कि पर्यटन क्षेत्र जरूर आना है 18 दिसंबर को सब परिवार सब के साथ आपको खुद आना है और अब को इस बात को पहुंचाना है कि आए और एक बार उस संख्या बल में इकट्ठे हो कि सरकार भी सोचे कि शायद इनकी बात बिल्कुल सही है और हमें वही करना चाहिए।