संभवत: शिखर जी के इतिहास में पहली बार 108 पर्वत वंदना लगातार। नॉनस्टॉप, जिसमें से कम से कम 15 बार अकेले। पूरे पर्वत पर, ना कोई यात्री , ना कोई दुकानदार, ना कोई पुजारी, बिल्कुल अकेले यात्रा । संभवत: पहली बार ,एक तिर्यच ने की पर्वत की वंदना शायद अपने कर्मों की निर्जरा के लिए। बिना रुके , बिना थमे, लगातार करी वंदना और 108 वीं वंदना के प्रत्यक्ष गवाह बने चैनल महालक्ष्मी, जिनके साथ रविवार 23 मई को यह पूर्ण हुआ ।
अब देखिए इस अनोखी अविस्मरणीय वंदना के प्रमुख अंश, जो कर्मों की निर्जरॉ करने के सहायक बनेंगे।
पहली बार: शिखरजी इतिहास में देखिए मंगलवार 25 मई 2021 रात्रि 8 बजे
संभवत: पहली बार: शिखरजी इतिहास में
शिखरजी की NON STOP 108 वंदना
बिना रुके, बिना थमे, पूरी वंदना
27 किमी. पूरे पहाड़ पर अकेले वंदना
(न यात्री, न पुजारी, न दुकानदार)
एक तिर्यंच ने भी की पूरी वंदना
सभी टोंकों के दर्शन भी करिए
चैनल महालक्ष्मी के साथ पूरा LIVE Tuesday at 8 pm