नवग्रह तीर्थ – भगवान पार्श्वनाथ की वजन 185 टन, 61 फीट मूर्ति, 48 फीट ऊंचे चबूतरे पर विराजमान, 8 अन्य तीर्थंकरों की छोटी मूर्तियाँ भी

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15 नवंबर 2022/ मंगसिर कृष्ण सप्तमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
नवग्रह तीर्थ एक जैन तीर्थस्थल है जो कर्नाटक के धारवाड़ जिले के वरुर ग्राम के अलावा बेंगलुरु-पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ हुबली से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
नवग्रह जैन मंदिर दुनिया भर में जैन धर्म के अनुयायियों के लिए आनंदमय तीर्थ मंदिरों में से एक है।

क्षेत्र पर श्री 1008 भगवान पार्श्वनाथ की 61 फीट (18.6 मीटर) लंबी अखंड मूर्ति विराजमान है।
इस मूर्ति का वजन 185 टन है और यह प्रतिमा 48 फीट (14.6 मीटर) ऊंचे चबूतरे (कुल 109 फीट) पर कायोत्सर्ग मुद्रा में विराजमान है।

श्री पार्श्वनाथ भगवान जी की महाकाय प्रतिमा के अलावा, क्षेत्र पर 8 अन्य तीर्थंकरों की छोटी मूर्तियाँ भी हैं।
इस क्षेत्र की स्थापना सन 2006 – 07 में बड़े पैमाने पर श्री 108 गुणधरनंदी महाराज जी के प्रयासों से हुई है।

जैन नवग्रह तीर्थ और दिगंबर जैन मंदिर, गाँव / नगर – वरूर, तहसील – हुबली, जिला – धारवाड़ (कर्नाटक)