18 अप्रैल 2023/ बैसाख कृष्ण त्रयोदिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
2451 वर्ष के केवली काल के बाद, जब आयुकर्म एक माह शेष रह गया तब 21वे तीर्थंकर श्री नमिनाथ जी पहुंच गए श्री सम्मेद शिखरजी और वैशाख कृष्ण की चतुर्दशी, जो इस वर्ष 19 अप्रैल को है, उसी दिन खड़गासन से 1000 मुनिराजों के साथ मित्रधर कूट से सिद्धालय गए।
आपका तीर्थ प्रवर्तन काल 5 लाख, एक हजार आठ सौ वर्ष का रहा। मित्रधर कूट की निर्मल भाव से वंदना करने से एक करोड़ उपवास का फल मिलता है और इसी कूट से 900 कोड़ाकोड़ी, एक अरब,45 लाख, 7 हजार 940 मुनिराज सिद्धालय गए हैं ।
बोलिए 21 वे तीर्थंकर श्री नमिनाथ जी के मोक्ष कल्याणक की जय जय जय