13 जून 2022/ आषाढ़ कृष्ण दशमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी
आषाढ़ कृष्ण दशमी, हां यह वही पावन दिन है, जब हमारे 21 वे तीर्थंकर श्री नमिनाथ जी का मिथिला नगरी में महाराजा श्री विजय की महारानी वप्रीला देवी के गर्भ से जन्म हुआ
। अपराजित स्वर्ग विमान में आयु पूर्ण कर, वह महारानी के गर्भ में आए और पंद्रह माह तक लगातार साढ़े तीन करोड़ रत्नों की वर्षा, तीन या चार पहर रोज होती रही।
इश्वाकु वंश में जन्म और 10,000 वर्ष की आयु, तपे सोने के समान रंग और कद 15 धनुष ऊंचा, आपका ढाई हजार वर्ष कुमार काल में बीता और 5000 वर्ष आपने राजपाट किया। तब एक दिन जाति स्मरण से आपके अंदर वैराग्य की भावना बलवती हो गई।
तब 1000 राजाओं के साथ मिथिला नगर के चैत्र वन में संध्या के समय पहुंचे और पंचमुष्टि केशलोंच करके चंपक वृक्ष के नीचे ध्यान योग धारण कर लिया । आपको 9 माह के तप के बाद केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई। चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी के साथ बोलिए श्री नमीनाथजी के जन्म और तप कल्याणक की जय, जय, जय।