मंगसिर शुक्ल एकादशी को ही , जो 25 दिसंबर को है 21 वे तीर्थंकर श्री नमिनाथजी को, 9 माह के तप के बाद, वकुल वृक्ष के नीचे, केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई। आपका केवली काल 2491 वर्ष का था, यानी एक ही दिन में 2 तीर्थंकर के तीन कल्याणक हुए ।
बोलिए श्री नमिनाथ तीर्थंकर जी की जय।
झांसी की रानी नहीं, तो मदर टेरेसा जरूर बनेंगी, जैन महिलाएं...
॰ भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी द्वारा ललितपुर में प्रथम महिला प्रकोष्ठ का गठन
॰ गुल्लक योजना से पुण्य का अर्जन, जीर्णोद्धार का सृजन
॰ तीर्थ...