12 सितम्बर 2022/ अश्विन कृष्ण द्वितीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
भगवान नमिनाथ गर्भ कल्याणक दिनांक – १२ सितंबर , दिन – सोमवार, तिथि – अश्विन कृष्ण द्वितीया को इक्कीसवें तीर्थंकर श्री १००८ भगवान नमिनाथ गर्भ कल्याणक पर्व है। आज 12 सितम्बर दिन सोमवार तीर्थंकर नमिनाथजी का है गर्भ कल्याणक, मिथिलापुरी (सीतामढ़ी – बिहार) में हुआ था | आज के ही दिन रात्रि के पिछले प्रहर व अश्विनी नक्षत्र में मातारानी विप्पला के गर्भ में अवतीर्ण हुए थे |
भगवान नमिनाथ का संक्षिप्त विवरण :
चिन्ह – नीलकमल
पिता – श्री विजय
माता – विप्पला
जन्म नगरी – मिथिला
शरीर की ऊंचाई – १५ धनुष
आयु – १०,००० वर्ष
किस वृक्ष के नीचे दीक्षा ली -वकुल वृक्ष
कितने राजा साथ में दीक्षित हुए – १०००
पंचकल्याणक तिथियां :० गर्भ – आश्विन कृष्ण द्वितीया
जन्म – आषाढ़ कृष्ण दशमी
तप – आषाढ़ कृष्ण दशमी
ज्ञान – मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णमासी
मोक्ष – वैशाख कृष्ण चतुर्दशी
समवशरण : गणधर – १७
केवली मुनि – १६००
मुनि – २०,०००
आर्यिका – ४५,०००
श्रावक – १ लाख
श्राविकाए – ३ लाख
किस आसान से मोक्ष पधारे – खड्गासन
निर्वाण भूमि – श्री सम्मेद शिखर जी श्री नमिनाथ स्वामी की टोंक (मित्रधर कूट)
आज अत्यंत भक्ति-भाव से देवादिदेव श्री 1008 नमिनाथजी भगवान की पूजन कर गर्भ कल्याणक पर्व मनाएँ तथा अपने भी कल्याण: की भावना के साथ भगवान के श्री चरणों में निर्वाण लाडू समर्पित करें।
तीर्थंकरों के जीवन की ऐसी घटना जो अन्य जीवों के कल्याण का बनती हैं कल्याणक कहलाते हैं। वर्तमान में साक्षात में तो भगवान के कल्याणक देख पाना संभव नहीं अतः कल्याण पर्वों के शुभ अवसर पर भगवान की भक्ति, पूजन आदि द्वारा पुण्योपार्जन करना चाहिए।
नमिनाथजी भगवान की जय, गर्भ कल्याणक महापर्व की जय
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