यह स्थान पुडुकोट्टई से 2 km की दूरी पर है। बताते है यह प्रतिमा श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान की है। वर्तमान में जैनेत्तर लोग उनको मुनीश्वर बोलकर उनकी विधी से पूजा-आराधना करते है, अभी मल मास में उनकी विशेष आराधना करते है।
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