यह स्थान पुडुकोट्टई से 2 km की दूरी पर है। बताते है यह प्रतिमा श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान की है। वर्तमान में जैनेत्तर लोग उनको मुनीश्वर बोलकर उनकी विधी से पूजा-आराधना करते है, अभी मल मास में उनकी विशेष आराधना करते है।
तीर्थंकर पारस और चंद्र प्रभ : सभी गुण समान : पर...
24 दिसंबर 2024/ पौष कृष्ण नवमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
पौष कृष्ण एकादशी जो इस वर्ष 2024 के अंग्रेजी...