॰ समाज ने पीड़ित परिवार को घेरा, पीटा व 10 वर्ष के लिये बहिष्कार
॰ पुलिस ने लड़की वालो के खिलाफ मामला दर्ज किया, मंगवाई माफी
16 अक्टूबर 2024/ अश्विन शुक्ल चतुर्दशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
छतरपुर जिले के घुवारा में चातुर्मास कर रहे मुनि श्री विश्रांत सागरजी संघ में कर्मचारी मोना (मोहन) फिरोजाबाद निवासी अष्टमी, 11 अक्टूबर को दोपहर लगभग सवा बजे वहां के एक जैन परिवार की युवा बिटिया को कार में लेकर भाग गया, उसकी सूचना पीड़ित परिजनों को लगभग 20 मिनट बाद पता चली। सान्ध्य महालक्ष्मी को फोन पर जानकारी देते हुए पीड़ित परिवार के भाइयों ने बताया कि इस समय भी बहन के पिता-चाचा आदि आठ जनों को पुलिस ने मामला दर्ज कर थाने में बैठा रखा है, वहीं हमारी बहन को भगाने की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई, और बस आवेदन लेकर रख लिया।
पीड़ित परिजनों ने इस बारे में मंदिर के महामंत्री भरत सेठ से बात की, तो उन्होंने बताया कि उस घटना के बाद पीड़ित परिजन रात को ही पूरे रोष में मुनि संघ के पास पहुंचे। वे काफी गुस्से में थे, पर मुनि श्री का दरवाजा बंद रहा और गाली-गलौच की, दरवाजे को पीटा। भरत सेठ ने बताया कि उस दिन सुबह 6 बजे से एक बजे तक मंदिर में ही थे, और जैसे ही घर पहुंचे, इस अपहरण की सूचना मिली और फिर तुरंत वापस मंदिर पहुंचे और इस घटनाक्रम के चलते रात 12 बजे तक वहीं रहे।
इधर विजयादशमी की सुबह तक बेटी की कोई जानकारी न मिलने पर पीड़ित परिजन फिर आये। मुनि श्री जैसे ही अन्य मंदिरों की वदंना हेतु जा रहे थे, तो बीच बाजार में ही महाराज को पकड़ लिया और जमीन पर पटक दिया और गर्दन पकड़कर मारपीट की। उनका कहना था कि भगाने वाला मोना मुनि श्री के जानने वाला ही है, पिछले 2-3 साल से उन्हीं के संघ में था। वो संघ की गाड़ी चलाने के साथ, फोटोग्राफी, सभी पैसे आदि का कलैक्शन भी करता था, उसकी बहन तेंदूखेड़ा में रहती है, जिन्होंने मोना के बारे में कोई भी जानकारी होने से स्पष्ट इंकार कर दिया।
मुनि श्री से मारपीट, जो किसी भी कारण होने के बावजूद, किसी को स्वीकार्य नहीं हो सकती, यह बात क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैल गई, सैकड़ों लोग इकट्ठे हो गये। मुनि संघ के तीनों मुनि मुनि व क्षुल्लक जी उप थाना घुवारा की ओर बढ़े और सड़क पर ही चार घंटे धरने के लिये बैठ गये। मुनिश्री के समर्थक भी साथ में घुवारा के जबलपुरी तिराहे के पास धरने पर बैठ गये, बाद में अन्य लोग भी जुड़ गये। 6 से 10 बजे तक चले 4 घंटे के धरने के बाद पुलिस के आश्वासन पर धरना बंद किया गया।
मुनि श्री के साथ मारपीट किसी को स्वीकार्य नहीं, और यह बहुत बड़ा अपराध है। चैनल महालक्ष्मी से पीड़ित भाई ने फोन पर स्वीकारा कि निश्चित ही यह बहुत गलत किया। उसके बाद आसपास व दूर क्षेत्रों से भी मुनि श्री के भक्त जुटने शुरू हो गये। दोपहर में समाज की बैठक हुई, उसमें पीड़ित परिवार को 10 वर्ष के लिये बहिष्कृत कर दिया। सकल क्षेत्रीय जैन समाज की ओर से पत्र जारी कर समाजजनों के बीच यह बात साझा की गई। इसमें वैद्य राजेन्द्र कुमार, महेन्द्र कुमार, जिनेन्द्र कुमार, सुरेन्द्र कुमार, नरेन्द्र कुमार व उनके परिवारजनों के द्वारा मुनि श्री पर मिथ्या आरोप के कारण उनको और उनके परिवार को पूजा कार्यों में नहीं बुलाने का निर्णय लिया गया। साथ ही कहा गया कि अगर घुवारा क्षेत्रीय समाज के लोग इन्हें बुलाते हैं, तो वे भी दोषी होंगे। भविष्य में यदि कभी आरोपित लोगों को समाज से जुड़ना होगा, तो इसी तरह समाज की बैठक जोड़कर ही निर्णय लिया जाएगा।
जैसा पीड़ित परिजनों ने बताया कि बैठक में कॉलर पकड़कर मारपीट करने की शुरूआत में वे भागकर घर आ गये। मां ने दरवाजा बंद कर लिया, शेष लोगों ने दरवाजा तोड़कर उसको पीटा और देर रात तक सात परिजनों पर मामला दर्ज कर उन्हें थाने में ही बैठा लिया गया।
जब पीड़ित परिजनों से चैनल महालक्ष्मी ने पूछा कि उन्होंने अपनी बहन के व्यवहार में परिवर्तन क्या नहीं देखा? उन्होंने इसे स्वीकार किया, वो हर रोज आहार देने और महाराजजी के दर्शन के बहाने घर से मंदिर आ जाती। मुनि श्री के पास जा रही है, तो इसलिये किसी ने नहीं टोका।
दूसरी तरफ मुनि श्री विश्रांत सागरजी के समक्ष बैठे महामंत्री भरत सेठ का कहना था कि मोना संघ से केवल कर्मचारी की हैसियत से दो साल से है, उसे दस हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जाता है, मूलत: फिरोजाबाद (यूपी) का रहने वाला है। उसका फोन बंद है और अपनी बहन या निवास पर नहीं गया।
मामले की गंभीरता देख बड़ामलाहरा एसडीओपी, घुवारा तहसीलदार कपिल शर्मा, भगवा थाना प्रभारी रामस्वरूप उपाध्याय, घुवारा पुलिस उपथाना प्रभारी प्रमोद कुमार रोहित पुलिस के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।
जैन समाज की ओर से दी गई सामूहिक शिकायत पर 8 लोगों पर मारपीट, गाली गालौच और जान से मारने की धमकी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामले को पंजीबद्ध किया है। इधर सीसीटीवी कैमरों की जांच से पता चला कि मोना कार में लड़की को साथ ले गया।
चैनल महालक्ष्मी टिप्पणी : मुनि श्री से मारपीट और गाली-गलौच करना नि:संदेह अक्षम्य अपराध है, साथ ही संत के दर्शन के बहाने उनके कर्मचारी के साथ लड़की का बहक जाना और भाग जाना समाज के लिये चिंतन का विषय है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। एक वर्ष पहले कचनेर में एक आचार्य संघ के कर्मचारी ने सोने की मूर्ति ही उड़ा ली थी। ऐसी यदा-कदा घटनायें अब सामने आने लगी हैं।
इस पर पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 2915 में देख सकते हैं।