कथित मुनि शुद्धत्म सागर, जो पहले मुनि विशुद्ध सागर के नाम से 25 वर्ष पूर्व आचार्य विवेक सागर जी से गुजरात के तारंगा में दीक्षा ली थी, जो अब वापस गृहस्थ बन गए हैं और उनका नाम राकेश जैन है , उम्र 44 साल, और दमोह के रहने वाले है।
एक माह पहले कालपी उत्तर प्रदेश से चतुर्मास के लिए बेला जी मंदिर, थाना पटेरा, दमोह में आए और कहा गया कि कोरोना के कारण वे यहां चातुर्मास करना चाहते हैं। उनके पिताजी के कहने पर, बेला जी में विराजमान आचार्य श्री सिद्धांत सागर जी ने उन्हें अनुमति दे दी।
आचार्य श्री ने चैनल महालक्ष्मी को बताया कि वह राकेश गाड़ी में बैठ कर आए थे और उन्हें 7 दिन के लिए शुद्धिकरण, प्रायश्चित क्रियाएं करवाकर क्षुल्लक तथा फिर मुनि पद पर रखा गया। इससे पूर्व आचार्य कुंथु सागर जी ने उन्हें एलाचार्य पद भी दिया था।
4 दिन पूर्व ब्रह्मचारिणी दीदी प्रज्ञा जिनका नाम दीपा है ,वह भी बेला जी में चतुर्मास करने आ गई। पर उन दोनों के संबंधों के बारे में जानकारी मिलने पर आचार्य श्री सिद्धांत सागर जी ने दीपा को कल सांय मंदिर से निकाल, बाहर धर्म देशना करने के लिए कह दिया और पीछे पीछे ये महाराज का रूप छोड़ तुरंत जननी एक्सप्रेस से थाना हिंडोरिया पहुंच गए और राकेश जैन ने आचार्य श्री पर मारपीट आदि आरोप लगाए ।
पर बाद में जांच में वह सब गलत पाए गए और 24 अगस्त देर शाम सुलहनामा भी थाने में हो गया। जिसमें उनके पिता, जीजा और दोस्त गवाह बने। चैनल महालक्ष्मी इसके बारे में पूरी जांच कर ,आपको रविवार के एपिसोड में वह खुलासे करेगा, जो आप कल्पना भी नहीं कर सकते ।
अफसोस होता है जब 25 साल से दीक्षित कोई त्यागी प्रेम प्रसंग में पकड़ा जाता है और जैसी सूचना मिली है कि आज देर शाम उन्होंने दीपा से कोर्ट मैरिज भी संभवत कर ली है। पूरी जानकारी रविवार को विशेष एपिसोड में चैनल महालक्ष्मी पर रात्रि 8:00 बजे देखिएगा।