25 साल की दीक्षा, पिछि कमंडल छोड़, एंबुलेंस में बैठकर थाने पहुंच गए और ऐसा क्या हुआ, आप सपने में भी सोच नहीं सकते

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एक बार फिर जैन समाज शर्मसार हो गया, 25 साल की दीक्षा कब तार-तार कर दी मुनि के भेष में श्री विशुद्ध सागर ने या कहें एलाचार्य विशुद्ध सागर या फिर शुल्लक विशुद्ध सागर या फिर मुनि शुद्धात्म सागर या अब कहे दमोह में रहने वाले 44 वर्ष के राकेश जैन ,जिनका प्रेम प्रसंग अभी हाल में 24 अगस्त को बेला जी तीर्थ पर पकड़ा गया ।

उससे पूर्व गत वर्ष शिखरजी, मध्यलोक में भी ऐसा ही हुआ। दावा यह किया गया कि यह प्रेम प्रसंग 3 साल से ज्यादा समय से चल रहा है और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रज्ञा दीदी ने आचार्य श्री सिद्धांत सागर जी की आर्यिका माताओं, वहां उपस्थित बहनों तथा कर्मचारियों के सामने जो खुलासे किए, वह एकदम हैरत में करने वाले हैं। जैन समाज के लिए बहुत कलंकित अध्याय लिखा गया, जिस की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता ।

बेला तीर्थ से प्रज्ञा दीदी को निकाला, उससे पहले मुनि भेष में रहने वाले कथित राकेश पिछि कमंडल छोड़ बाहर निकल गए। जननी एक्सप्रेस यानी कि गर्भवती महिलाओं की एंबुलेंस में बैठकर थाने पहुंच गए और फिर क्या नाटक किया। क्या इस केस में खुलासे हुए उन सब की जानकारी इस समय देश के लगभग सभी प्रिंट मीडिया में मुख्य खबर बनकर चर्चा के विषय बन गए। ऐसा क्यों हुआ, आप सपने में भी सोच नहीं सकते। उसका खुलासा, रविवार 29 अगस्त को ।

यूट्यूब ,चैनल महालक्ष्मी पर रोजाना 8:00 बजे आने वाले एपिसोड में रविवार 29 अगस्त को किया जाएगा।

चिंतन का विषय यह है कि जल्दबाजी में दीक्षा जाए दी जाए या बिना कड़ी परीक्षा दीक्षा देने का खामियाजा, सिर्फ संत समाज को ही नहीं , पूरे जैन समाज के लिए अशोभनीय बन जाता है। पिछले कुछ वर्षों में रह-रहकर ऐसी घटनाएं सामने आती रही हैं । जब हम उन पर चुप्पी डाल लेते हैं, या कुछ अंधभक्त गलत पर पर्दा डाल देते हैं , तब वह घटना बाद में एक विस्फोट के रूप में सामने आती है, जैसा इस बार हुआ है।