मॉडल टाउन : ऐतिहासिक मूल संस्कृत-निबद्ध सिद्धचक्र विधान

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सान्ध्य महालक्ष्मी / 02 अप्रैल 2021
दिल्ली की धर्मपरायण नगरी मॉडल टाउन में फाल्गुन माह की अष्टाह्निका में दिल्ली के इतिहास में प्रथम बार मूल संस्कृत में रचित सिद्धचक्र महामंडल विधान अभूतपूर्व प्रभावना के साथ सानन्द सम्पन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने श्रद्धा-भक्ति पूर्वक अनंतानंत सिद्ध परमेष्ठी भगवंतों की मंत्रोच्चारपूर्वक पूजा-अर्चना की। आयोजन संस्कृत के विख्यात मनीषी डॉ. सोनल जैन शास्त्री के निर्देशन में हुआ। सभी को संस्कृत के पाठ बड़ी ही सहजता और सरलता से सिखाया तो वहीं पूजा और मंत्रों आदि का अर्थ भी स्पष्ट किया। विधानाचार्य पं. सुदर्शन जी शास्त्री पिण्डरई ने विधान सम्बंधी सभी क्रियाएं सम्पन्न करार्इं।
21 फरवरी को प्रधान श्री प्रमोद जैन वर्धमान ने ध्वजारोहण करके आयोजन का शुभारंभ किया। विधान में बैठने वालों में श्री जे.के. जैन मंत्री, श्री अरुण जैन, श्री शुभचन्द्र जैन, श्री मुकेश जैन आदि प्रमुख रहे। विधान के संयोजक श्री एन.सी. जैन ने बताया कि इस विधान में मॉडल टाउन के इतिहास में पहली बार 13-14 वर्ष के बालक से लेकर 75-80 वर्ष तक के बुजुर्गों ने भाग लेकर पुण्य संचय किया।

संयोजक श्री रवि जैन न सभी को धन्यवाद ज्ञापन किया और श्री राजेश जैन ने बताया कि विधान में बैठने वाले सभी श्रद्धालुओं का अनुभव है कि इस विधान में बैठकर मंत्रोच्चार करने से जो आनन्द आया वह आज से पहले कभी नहीं आया। सभी ने संस्कृत के श्लोकों को लय में गाया और मंत्रों का शुद्ध उच्चारण भी किया। विधान के उपरांत प्रतिदिन शुद्ध भोजन की व्यवस्था की गई, जिसका श्री जय प्रकाश जैन ने बहुत ही उत्तम एवं शुद्ध विधि से प्रबन्ध किया। विधान में बैठने वालों का कहना है कि आगे जब भी विधान करेंगे, तो हम संस्कृत वाला विधान ही करेंगे।