10 मई 2022/ बैसाख शुक्ल नवमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
मिथिलापुरी, जनकपुर रोड (सुरसंड/सीतामढ़ी) :- सम्पूर्ण विश्व के जैन धर्मावलंबियों के लिए बहुत ही गौरव का क्षण है। जिसका इंतजार जैन समाज को दशकों नही शताब्दियों से था। वो पल था भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं भगवान नमिनाथ स्वामी के चार – चार कल्याणक (गर्भ, जन्म, तप एवं केवलज्ञान) अर्थात 8 कल्याणकों से सुशोभित ‘श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ’ की पुनर्स्थापना होने की। वो क्षण आज हम सभी को दिनांक – 09/05/2022 (मंगलवार) को आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महाराज के शिष्य आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ सानिध्य में हुए वेदी प्रतिष्ठा एवं जिनबिम्ब स्थापना के उपरांत पूर्ण हुआ।
प्रातः 09/05/2022 को हुआ आचार्य श्री ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश
मिथिलाधाम तीर्थ पर पहुँचने वाले प्रथम आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ का मेघराज द्वारा झमाझम वारिस के साथ हुआ भव्य मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य गुरुवर ने तीर्थ पर प्रवेश के पूर्व मुख्यद्वार से ही तीर्थ को देखते हुए आह्लादित हो उठे। आचार्य श्री के साथ संघ में मुनि श्री 108 प्रभाकर सागर जी महाराज, क्षुल्लक श्री 108 प्रगुण सागर जी महाराज, क्षुल्लिका 105 परीक्षा श्री माता जी, क्षुल्लिका 105 प्रेक्षा श्री माता जी, क्षुल्लिका 105 प्रतिज्ञा श्री माता जी, क्षुल्लिका 105 प्रीति श्री माता जी, क्षुल्लिका 105 आराधना श्री माता जी की अगुआई में कमिटी के सभी विरिष्ट अधिकारीगण उपस्थित हुए जिन्होंने पद विहार कराते हुए आचार्य श्री ससंघ का मंगल प्रवेश ‘मिथिलाधाम तीर्थ’ में कराया। उपस्थित सभी लोगों ने आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन किया इसके पश्चात तीर्थ पर स्थापित दोनों तीर्थकरों के चरण चिन्ह के आचार्य संघ द्वारा दर्शन, पूजन किया गया।
मिथिलाधाम तीर्थ पर हुआ आचार्य संघ की आहारचर्या…
आचार्य श्री संघ की आहारचर्या मिथिलाधाम तीर्थ पर बने नवनिर्मित भवन में की गई थी। जहाँ आचार्य श्री तथा संघ में चल रहे मुनि, क्षुल्लक, क्षुल्लिकाओ का आहारचर्या सम्पन्न कराई गई।
झंडोतोलन एवं देवआज्ञा लेकर हुआ प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ…
सर्वप्रथम प्रतिष्ठा महोत्सव का झंडोतोलन के साथ किया गया। झंडोतोलन करने का सौभाग्य श्रीमान सुनील काला, धर्मपत्नी – श्रीमति चंदा काला, पटना निवासी को प्राप्त हुआ। जिन्होंने झंडोतोलन देवआज्ञा लेकर प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य शुभारंभ किया।
लघु पंचकल्याणक कर नवनिर्मित वेदी में स्थापित की गई सभी जिन प्रतिमाएं…
आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज के सानिध्य में “श्री मिथिलापुरी जी दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र” पर नवनिर्मित वेदी में ढ़ाई फुट ऊँची भगवान आदिनाथ स्वामी, भगवान मल्लिनाथ स्वामी तथा भगवान नमिनाथ स्वामी के साथ ही साथ दो 7 इंच की पाषाण की प्रतिमा का भी लघु पंचकल्याणक कर स्थापित की गई।
आयोजन के दूसरे दिन 10/05/2022 (मंगलवार) को सिद्धचक्र मण्डल विधान का हुआ आयोजन…
श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ क्षेत्र पर आयोजन के दूसरे दिन आचार्य श्री ससंघ सानिध्य में प्रातः सभी जिन प्रतिमाओं का अभिषेक, पूजन, एवं शांतिधारा कर सिद्धचक्र मंडल विधान का आयोजन किया किया गया। इस आयोजन को लेकर देशभर के सभी जैन धर्मावलंबियों में एक अलग उत्साह देखने को मिल रहा है।
“मिथिलाधाम तीर्थ से पंचतीर्थ एवं शिखर जी के लिए हुए आचार्य श्री का मंगल विहार…
श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ पर प्रतिष्ठा महोत्सव का सफल आयोजन के सम्पन्न होते ही आचार्य श्री ने सभी श्रावकों तथा कमिटी के सभी अधिकारियों को खूब – खूब मंगल आशीर्वाद दिया।
श्री पराग जी जैन ने किया देशभर के सभी जैन समाज से अपील…
बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र के मानद मंत्री श्री पराग जी जैन ने कहा कि – आज पूरे विश्व के जैन समाज के लिए गौरवपूर्ण दिन है जिसे स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। हमसभी 24 तीर्थकरों के 5-5 कल्याणक मिलाकर 120 कल्याणक क्षेत्र में से सिर्फ 112 तीर्थ के ही दर्शन कर पाते थे। भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं भगवान नमिनाथ स्वामी के चार – चार कल्याणक तीर्थ की पुनर्स्थापित करना शेष रह गया था। जिसे काफी वर्षो के अथक प्रयास एवं सभी के सहयोग से पूरा कर लिया गया है। तीर्थ की स्थापना एवं यात्रियों के ठहरने एवं पूजन की सभी व्यवस्थाएं तीर्थ पर बन चुकी है। लघु पंचकल्याणक एवं प्रतिष्ठा महामहोत्सव के सम्पन्न होते ही विश्व के सभी जैन समुदायों से अपील करते हुए कहा कि तीर्थ दर्शन के लिए आप सभी पूरे परिजनों के साथ अवश्य पधारे तथा नवनिर्मित तीर्थ का दर्शन कर धर्मलाभ का अवसर प्राप्त करते हुए तीर्थ विकास में अधिक से अधिक सहयोग कर पुण्यार्जन करें।
इस कार्यक्रम में बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र के ‘उपाध्यक्ष’ श्री अजय कुमार जी जैन, ‘मानद मंत्री’ श्री पराग जी जैन, प्रबंधक संजीत जैन (राजगृह), जगदीश जैन (कुण्डलपुर), सोनू जैन (कमलदह जी), बैजनाथ जैन (राजगृह जी), पंकज जैन (मिथिलापुरी), श्री सुनील काला (पटना) एवं आचार्य संघ के सभी मुनिभक्त उपस्थित हुए।
रवि कुमार जैन – राजगीर (नालन्दा) बिहार