श्री सम्मेद शिखरजी में 20 जनवरी से आमरण अनशन की शुरुआत के बाद आचार्य श्री मेरु भूषण जी ने 9 फरवरी से यम सल्लेखना की करी घोषणा

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24 जनवरी 2023/ माघ शुक्ल तृतीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /
पिछले 12 वर्षों से नियम सल्लेखना को जारी रखते हुए आचार्य श्री मेरुभूषण जी महाराज ने गत 20 जनवरी को श्री सम्मेद शिखरजी को जैन पवित्र तीर्थ घोषित करने की मांग पर, चारों प्रकार के आहार का त्याग कर आमरण अनशन प्रारंभ कर दिया था , लेकिन उसके बाद जैन समाज के विशिष्ट लोगों और साधु समाज के आग्रह पर, उस आमरण अनशन को स्थगित कर दिया और तीनों प्रकार के आहार का त्याग कर, केवल पेय पदार्थ लेना प्रारंभ कर दिया और अब इस रूप में सल्लेखना समाधि की ओर बढ़ने लगे।

प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी पुष्पेंद्र भैया जी ने, चैनल महालक्ष्मी को बताया, जो इस समय दिल्ली के राधेपुरी मंदिर में पंचकल्याणक की तैयारी करा रहे हैं, कि उपाध्याय श्री विप्रणत सागर जी को, आचार्य श्री मेरुभूषण जी 3 फरवरी 2023 को, साधु समाज का सहयोग लेकर, आचार्य पद एवं आचार्य पट्ट के संस्कार स्वयं देंगे । इससे पूर्व उन्होंने आचार्य तन्मय सागर जी को दिया गया अपना आचार्य और आचार्य पट्ट वापस ले लिया । उनका कहना था कि उन्होंने 6 माह में भी कोई दूसरे को साधु नहीं बनाया और आगम के अनुसार ऐसी स्थिति में उन्हें आचार्य पर इस तरह नहीं दिया जा सकता।

ब्रह्मचारी पुष्पेंद्र भैया जी ने बताया कि पिछले काफी समय से उपाध्याय विप्रणत सागर जी व अन्य साधु, उनकी वैयावृत्ति आदि कर रहे हैं और अब आगामी 3 फरवरी को आचार्य श्री मेरु भूषण जी उन्हें आचार्य व अपना आचार्य पट्ट के संस्कार देंगे। फिर पेय पदार्थ से धीरे-धीरे वे जल पर आ जाएंगे और 9 फरवरी को सभी से क्षमा आदि मांग कर, वे सभी प्रकार के आहार के त्याग के साथ यम सल्लेखना ग्रहण करेंगे।