16 जून 2022/ आषाढ़ कृष्ण दोज़ /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
ऋषभगिरि-मांगीतुंगी। 6 वर्षीय अंतर्राष्ट्रीय महामस्तकाभिषेक का शुभारंभ 15 जून 2022 को कमल कुमार ठोलिया ध.प. निशी जी ठोलिया-चेन्नई ने झंडारोहण से की। गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी, प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी के वर्चुअल सान्निध्य में एवं ऋषभगिरि-मांगीतुंगी के यशस्वी अध्यक्ष पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी के पावन सान्निध्य में प्रारंभ हुआ। भगवान के मस्तक पर प्रथम कलश करने का सौभाग्य श्री जम्बू प्रसाद जी जैन-गाजियाबाद, द्वितीय कलश करने का सौभाग्य विद्याप्रकाश संजय जैन दीवान, अजय दीवान, दीवान परिवार-सूरत वालों, तृतीय कलश प्रमोद जैन-मॉडल टाउन, दिल्ली ने प्राप्त किया।
इस क्रम में प्रथम दिवस पंचामृत कलश संघपति अनिल कुमार जैन-दिल्ली, राजकुमार सेठी-कलकत्ता, अमरचंद जैन, जयकुमार जैन-टिकैतनगर, संजीव जैन-शीशे वाले, इलाहाबाद, नितीश कुमार-लखनऊ, कैलाशचंद आदीश कुमार अध्यात्म जैन सर्राफ-लखनऊ ने प्राप्त किया।
सर्वप्रथम स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी के साथ ऋषभदेवपुरम से प्रथम कलशकर्ता श्री जम्बू प्रसाद एवं उनके परिवार के लोग बग्घी पर रजत कलश ले करके बैण्ड-बाजे के साथ ऋषभगिरि पर्वत पहुंचे। झण्डारोहण में ध्वजा ईशान दिशा में लहराती हुई कार्यक्रम का शंखनाद करती हुई फहरा गई। कवियत्री अनामिका जैन अम्बर एवं सौरभ जैन सुमन के मंगलगान से प्रारंभ हुआ मस्तकाभिषेक का क्रम। संघस्थ ब्र. बहन बीना जैन, मंजू जैन, श्वेता जैन, सुरभि जैन, उषा जैन के मंगलाचरण से सभा का शुभारंभ हुआ।
भगवान के मस्तक पर पहुंचकर सर्वप्रथम पुण्यशाली, भाग्यशाली व्यक्तित्व के धनी श्रेष्ठी श्री जम्बू प्रसाद जी जैन एवं उनके भाई, भाभी, बहन, बहनोई, सुपुत्र, पुत्रवधू सपरिवार ऊपर बनी मचान पर पहुंचकर भगवान के मस्तक पर प्रथम कलश की धारा करके अपने आपको धन्य मान रहे थे, वह दृश्य अद्भुत एवं आनंदमयी था, जिस क्षण भगवान के मस्तक पर प्रथम धारा की गई। – विजय कुमार जैन