॰ दिगंबर साधुओं की एन्ट्री बंद, संसद से महज 50 किमी की दूरी पर
॰ आचार्य श्री विद्यानंद जी का फोटो, सिंहासन, तख्त टेंट, बैनर सब किया ध्वस्त
॰ पुलिस ने कार्यक्रम बंद करने का दिया फरमान, वर्ना जैन शांति भंग में डाले जाएंगे जेल में
॰ आचार्य संघ के साढ़े तीन किमी विहार के लिये पुलिस का सिक्यूरिटी से मना
॰ मोदी-योगी के प्रदेश में मंदिर-वेदी-संत निवास का रोका शिलान्यास
2 जुलाई 2024// आषाढ़ कृष्ण एकादिशि //चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/शरद जैन /
जिनका जैन समाज स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है, उनकी तस्वीर को तोड़ देना। वह आचार्य जिन्होंने 380 ग्रंथ रच दिये, उनका सिंहासन-तख्त तोड़ा और उनका सदा नि:शुल्क वितरण कर रही निर्ग्रंथ गुणमाला समिति का 25वां वर्ष, यानि रजतोत्सव मना रही थी, उनका टेंट, बैनर सब कुछ तोड़ने वाले अराजक तत्वों ने एक बार जैन समाज पर उपद्रव किया, बल्कि इस धर्म प्रधान देश के उच्च पदों पर बैठे ठेकेदारों, चाहें उसमें सत्ता हो या प्रशासन सबकी पोल खोल दी कि आज खाने के दांत और दिखाने के और होते हैं।
यह सब हो रहा है संसद से महज 50 किमी की दूरी पर राजधानी क्षेत्र में, उनकी सत्ता में, जिन्होंने पहले अपने को चौकीदार के रूप में रक्षक कहा, फिर सबको अपना परिवार बताया और उससे भयानक दुर्गति क्या होगी, जब एक आचार्य श्री ने हजारों जैनों की उपस्थिति में उनको चक्रवर्ती कहकर नवाजा भी और हर जैन घर को मोदी का घर बता रहे थे, बदले में क्या मिला? उन्हीं के अग्रज दीक्षित भाई के पूरे संघ को घेरकर कट्टे-तमंचे लहराये जाते हैं, उन्हीं के गुरु की तस्वीर को तोड़ा-फेंका जाता है और उस रामराज का कैसे उपहास उड़ता है, यह बुलडोजर वाले मुख्यमंत्री के एक बड़े नगर में साफ दिखता है।
स्वर्ण जयंती वर्ष में आचार्य श्री विद्यानंद जी के आचार्य पदारोहण दिवस से महज 72 घंटे पहले, वह दिन जिसे 21वें तीर्थंकर श्री नमिनाथजी का जन्म-तप कल्याणक के रूप में मनाया जाना था, उसी रात में वो दिगंबरत्व तपोनिधि के आगे अपने को ‘हिंदू’ कहने वाले अराजक तत्वों का नंगा तांडव हुआ। सूचना चैनल महालक्ष्मी को जैसे ही मिली, तुरंत भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन जी के साथ घटनास्थल पर आचार्य श्री के पास पहुंचने के लिये बढ़े, तो संदेश मिला कि वहां से आचार्य श्री को संघ सहित निकालने की तैयारी हो रही है, वहां अभी मत जाये, बल्लभगढ़ मिल लें।
150 उपद्रवियों का नंगा तांडव
सान्ध्य महालक्ष्मी ने इस पर निर्ग्रंथ ग्रंथमाला समिति के महामंत्री अजय जैन जी से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि 700 गज की जगह का बयाना 4 वर्ष पहले नोएडा के सेक्टर 162 के पास गुजावला गांव में कर लिया था। फिर दो साल पहले पूरा पैसा देकर यहां मंदिर व संत निवास आदि बनाने का उद्देश्य सभी को बता दिया। सौहार्द, सद्भाव, भाई-चारे की गाथायें दोहराने वाले हिंदू ही एक प्रकार से हिंदू के दुश्मन हो गये। 29-30 जून की रात में डेढ़ सौ उपद्रवी शिलान्यास स्थल के सामने इकट्ठे हुये, पथराव किया, तोड़फोड़ की, टेंट उखाड़ दिया, बैनर फाड़ दिये, आचार्य श्री की तस्वीर तोड़ दी, सिंहासन-तख्त तोड़ दिये। अगर यह किसी अन्य सम्प्रदाय या धर्म के साथ होता, तो आज संसद में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद से ज्यादा इस पर गरमागरमी होती, पूरा बवाल मच गया होता।
यही है, गोली मारो इसे
संघ के ब्रह्मचारी भैया भरे गले से महामंत्री को फोन करते हैं कि कहां फंसा दिया अंकल, हमको बचा लो। सुनते ही गला रुंध गया जब पता चला कि वहां घटनास्थल पर उपद्रवी रात 10 बजे पहुंचे, उससे पहले सामने लगे प्रशासन के सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिये, और फिर नकाब पहन कर तोड़फोड़ की।
अजय जैन जी ने बताया कि उस गांव में रिवाल्वर के केवल 3 लाइसेंस हैं, पर वहां अनेक कट्टे-देसी तमंचे लहरा रहे थे, जैसे ही संघ के एक ब्रह्मचारी बाहरा आने लगे, तो उपद्रवी बोले – यही है, मारो इसे गोली। उन क्षणों में पूरा माहौल भय व अनजान खतरे की चपेट में आ गया।
शराबी गांव से, सुबह सब ठीक हो जाएगा – आश्वासन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सांसद महेश शर्मा जी से रात्रि संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि मॉब कई बार शराब आदि पीकर उपद्रव करने लगता है, सुबह सब ठीक कर देंगे। रात भर और सुबह 4 बजे तक यही माहौल रहा। पुलिस ने आश्वासन दिया पूरी सुरक्षा में कार्यक्रम करायेंगे। इधर समिति ने ऐसी स्थिति देख कार्यक्रम की विशालता को लघु करने का फैसला सेक्टर-50 मंदिर की रात्रि मीटिंग में कर लिया। रात दो से तीन बजे के बीच बाहर से आने वाली 15 बसों को रोक दिया कि कार्यक्रम स्थगित हो गया है। निर्णय तो लिया कि छोटे रूप में ही मंदिर वेदी व संत निवास का शिलान्यास करेंगे।
पुलिस की धमकी – जैनों को गिरफ्तार करेंगे
पर दो घंटे और बीते कि सुरक्षा की गारंटी देने वाली पुलिस ने सूचना दी कि अपने कार्यक्रम को रद्द कर दें, वर्ना शांति भंग के आरोप में जैनों को ही अंदर कर दिया जाएगा। न जैन मंदिर बनेगा, न दिगंबर मुनिराज इधर आएंगें। उपद्रवियों पर कोई कार्यवाही नहीं और अहिंसक जैन समाज पर लटका दी शांति भंग करने की तलवार, क्या गजब का प्रशासन और सरकार?
पुलिस ने सेफ पेसेज देने से किया इंकार, अपनी गारंटी दो
रात भर खतरे के बीच रहने के बाद, प्रात: पुलिस का हुक्मनामा कि कार्यक्रम रद्द किया जाए, ऐसे में 8 साधु एवं 9 आर्यिकाएं वाले संघ के लिए विहार की जिम्मेदारी आ गई। पुलिस प्रशासन से कहा गया कि यमुना नदी तक साढ़े तीन किमी की पुलिस व्यवस्था दे। नदी नाव से पार कराने की बात नाविक से कर ली, कि उस पार हरियाणा तक की बात कर ली, हरियाणा बार्डर में आगे केन्द्रीय मंत्री के द्वारा एसपी से भी आगे बात हुई। पर गजब तब हो गया, जब पुलिस ने सेफ पेसेज के लिए मना कर दिया, उल्टे समाज से कहा कि वे पत्र दें कि महाराज संघ को वो अपनी मर्जी व जिम्मेदारी से ले जा रहे हैं। प्रात: 10 से शाम 3 बजे तक यही चलता रहा। आखिरकार मजबूरन साढ़े तीन किमी की बजाय संघ को 55 किमी वाले लंबे राह से विहार करना पड़ा।
इसके लिये एक जुलाई को प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को भी पत्र लिखे गये। NCM ने उस पर त्वरित कार्यवही करते हुए नॉएडा जिला मजिस्ट्रेट तथा पुलिस आयुक्त को जवाब तलब किया है
कल्पना नहीं कर सकते, दिगंबर साधुओं को पूरे देश में सुरक्षित विहार-निहार की बात कहने वाले संविधान की मानो धज्जियां उड़ाई गई। पुलिस और प्रशासन असहाय था या किसी का दबाव था?
सान्ध्य महालक्ष्मी भाग्योदय की टिप्पणी व सवाल
॰ देश में बढ़ती तालिबानी संस्कृति का जिम्मेदार कौन है?
॰ अराजक तत्वों की गुण्डागर्दी के पीछे किसकी शह थी?
॰ तोड़फोड़ से पहले सीसीटीवी कैमरे किसके आदेश पर बंद किये गये?
॰ पूर्व घोषित कार्यक्रम को रोकने का प्रशासन का आदेश व उपद्रवियों को खुली छूट के बाद कार्यवाही न करना, पुलिस की नाकामयाबी के पीछे किसका हाथ?
॰ भारतीय संविधान से दिगम्बर मुनिराजों का कहीं भी विहार कर सकते हैं, व उन्हें सुरक्षा देने की जिम्मेदारी पुलिस की है, प्रशासन ने क्यों सुरक्षा नहीं दिलवाई, न ही अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया?
॰ क्या नागा साधुओं के आने पर भी पुलिस, प्रशासन व उपद्रवियों का यही रवैया रहेगा?
॰ देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, के देश-प्रदेश में जैन धर्म-संतों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों?
(इस बारे में पूरी जानकारी यू-ट्यूब चैनल महालक्ष्मी एपिसोड नं. 2704 से प्राप्त कर सकते हैं)