श्री मंदारगिरी जी सिद्ध क्षेत्र पर पर्वत मन्दिर एवं अन्य निर्माण कार्य प्रगति पर , त्रिदिवसीय भव्य आयेजन भक्तिमय वातावरण में हुआ सम्पन्न…

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5 मार्च 2023/ फाल्गुन शुक्ल त्रयोदिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ रवि कुमार जैन / मंदारगिरी (बांका/बिहार)

:बारहवें तीर्थकर देवाधिदेव भगवान वासुपूज्य स्वामी की तप, ज्ञान एवं मोक्ष कल्याणक से सुशोभित पावन भूमि श्री मंदारगिरी जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र, बौंसी, जिला- बांका (बिहार) में 02 मार्च से 04 मार्च 2023 तक आयोजित त्रिदिवसीय कार्यक्रम का भव्य समापन हुआ।

झंडोतोलन कर मंत्रोचारण के साथ आयोजन का उदघाटन किया गया…
02 मार्च 2023 को प्रातः प्रथम समोशरण स्थली एवं दीक्षा स्थली (बारामती मन्दिर) में प्रातः श्रीजी का अभिषेक पूजन एवं शांतिधारा का कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें सभी जैन धर्मावलंबियों ने प्रभु की भक्ति कर देवआज्ञा लेते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके पश्चात झंडोतोलन कर गाजे-बाजे के साथ मंदार पर्वत की ओर निकल पड़े।

मंदार पर्वत पर यात्रियों के विश्राम हेतु चार कमरों का हुआ उदघाटन…
आयोजन के प्रथम दिन तप, ज्ञान एवं मोक्ष स्थली (मंदार पर्वत) पर यात्रियों के विश्राम हेतु चार बड़े कमरे का निर्माण बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी के निर्देशन में कराई गई है जिसका विधिवत उदघाटन 02 मार्च 2023 जैन धर्मावलंबियों ने किया। मोक्ष स्थली मन्दिर प्रांगण के बाहर कमरे निर्माण हो जाने से मुनि संघ एवं श्रावकों को काफी सुविधा मिलेगी। पर्वत मन्दिर एवं अन्य निर्माण कार्य प्रगति पर है।

तलहटी मन्दिर भी विशाल हॉल एवं आधुनिक सुविधायुक्त कमरे का किया गया उदघाटन…
वासुपूज्य स्वामी की मोक्ष भूमि (पर्वत) की वंदना करने हेतु मुनिसंघ एवं जैन श्रावक अब तलहटी मंदिर में बने हॉल तथा कमरे में ठहर पाएंगे। तलहटी मन्दिर में हॉल एवं सुविधायुक्त कमरों का निर्माण कराया गया है। मंदारगिरी आने वाले तीर्थ यात्रियों को धर्मशाला मन्दिर एवं तलहटी मन्दिर दोनों जगह रुकने की पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध मिलेगी। जहाँ यात्री रात्रि विश्राम के साथ पर्वत वंदना के पश्चात विश्राम कर सकेंगे।

मकराना पत्थर से निर्मित चार विशाल गेट का हुआ अनावरण…
श्री मंदारगिरी जी सिद्ध क्षेत्र पर मकराना पत्थर से निर्मित चार भव्य एवं विशाल गेट का निर्माण कराया गया है । यह सभी गेट अलग-अलग जगहों पर बनाए गए हैं । पहला गेट पर्वत शिखर पर तप स्थली मंदिर के जाने वाले रास्ते पर बनाया गया है । दूसरा गेट तलहटी मन्दिर में बनाया गया है । तीसरा गेट समोशरण मन्दिर (दीक्षा स्थली) में बनाया गया है एवं चौथा गेट कार्यालय मन्दिर में बनाया गया। मकराना पत्थर से निर्मित यह सभी गेट का अनावरण इस पावन अवसर पर किया गया।

गणिनी आर्यिका 105 श्री विशुद्धमती माता जी ससंघ का हुआ मंगल प्रवेश…
आयोजन के दूसरे दिन गणिनी आर्यिका 105 श्री विशुद्धमती माता जी ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। आर्यिका माता जी ससंघ की आहारचर्या नवनिर्मित हॉल में हुई।

दूसरे दिन वेदी शुद्धि एवं याज्ञ मण्डल विधान सम्पन्न हुआ…
पंडित मुकेश जी शास्त्री के मंगल सानिध्य में भगवान वासुपूज्य स्वामी की दीक्षा एवं प्रथम देशना स्थली (बारामती मन्दिर) में दूसरे दिन नवनिर्मित भव्य एवं अद्भुत समोशरण की वेदी शुद्धि कराई गई तत्पश्चात याज्ञमण्डल विधान दोपहर 01 बजे से आरम्भ हुई। भक्तिमय वातावरण में चले इस विधान में सभी श्रावकों ने बढ़चढ़ के हिस्सा लिया।

तीसरे दिन कल्पवृक्ष पर सर्वतोभद्र प्रतिमा हुई विराजित…
भगवान वासुपूज्य स्वामी की प्रथम समोशरण भूमि (दीक्षा स्थली) पर कार्यक्रम के तीसरे दिन नवनिर्मित समोशरण में प्रभु की सर्वतोभद्र प्रतिमा णमोकार मंत्र की ध्वनि के बीच स्थापित की गई। प्रतिमा विराजमान कर सभी भक्तों ने चौबीसी वेदी एवं चौमुखी प्रतिमा का भव्य अभिषेक किया।

संध्या महाआरती के साथ संपन्न हुआ मंदारगिरी जी का त्रिदिवसीय आयोजन…
तीसरे दिन दिनभर चले विभिन्न कार्यक्रम के बाद सभी श्रावकों ने धर्मशाला मन्दिर एवं समोशरण मन्दिर में भव्य संध्या आरती कर अपने पापों की निर्जरा करते हुए सुखद जीवन की कामना भगवान वासुपूज्य स्वामी से की। तथा भव्य महाआरती में सभी सम्मिलित हुए।

पंडित मुकेश जी शास्त्री, अम्बा (मुरैना) के मंगल सानिध्य में तीन दिन तक चले इस धार्मिक आयोजन में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित की गई। विदित हो कि बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी के मानद मंत्री श्री पराग जी जैन के निरंतर प्रयास एवं निर्देशन में बिहार राज्य के सभी जैन तीर्थो के कल्याणक मंदिरों एवं धर्मशालाओं को नवीनीकरण तथा यात्रियों को आधुनिक सुविधा मिले इसके लिए निरंतर प्रयास इनके द्वारा किया जा रहा है।