खुद पेड़ काटकर छांव ढूंढ रहा है, वीरान करके हरियाली आज अपनी सांसो के लिए आँक्सीजन ढूंढ रहा है

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खुद पेड़ काटकर छांव ढूंढ रहा है

इंसान अपने लिए

आज आराम ढूंढ रहा है

वीरान करके हरियाली

को महल तो बना लिए

मगर आज अपनी सांसो

के लिए आँक्सीजन ढूंढ रहा है