6 मार्च/फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी/चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
फाल्गुन शुक्ल पंचमी, सोमवार 7 मार्च , यह वही पावन दिन है, जिस दिन हमारे 19 वे तीर्थंकर श्री मल्लीनाथ स्वामी जी संवल कूट से, सम्मेद शिखरजी में, 500 महामुनिराजों के साथ सिद्ध गए। 1 माह के भोग निवृत्ति काल के बाद, आप श्री सम्मेद शिखरजी पहुंचे थे।
संवल कूट की निर्मल भावों से वंदना करने से एक करोड़ प्रोषध उपवास का फल मिलता है । और कहा जाता है कि इस कूट से 96 करोड़ महामुनि राज मोक्ष गए हैं ।तीर्थंकर श्री मल्लीनाथ स्वामी जी का तीर्थ प्रवर्तन काल 54 लाख 47,400 वर्ष का रहा। बोलिए 19 वे तीर्थंकर श्री मल्लीनाथ स्वामी जी के मोक्ष कल्याणक की जय जय जय ।