कुछ भाई मकर संक्रांति को पतंग पर्व मानकर और अन्य लोगों के देखा देखी इस दिन पतंग उड़ाते हैं इन पतंगों में लगा हुआ मांजा काँच के पाउडर से तैयार किया जाता है अथवा उससे भी घातक अब चाइनीज़ मांजे बाजार में बिकने लगे हैं। इन मांजों की डोर से प्रति वर्ष अनेक पक्षी घायल हो जाते हैं और मर भी जाते हैं। यहाँ तक की कभी कभी तो इनमें अटक कर इंसानों की भी दुर्घटनाएँ हो जाती है।
इसी वजह से पतंग उड़ा कर पक्षियों आदि की हिंसा करने वाले लोगों को महा पाप लगता है और एक पंचेन्द्रिय जीव की हिंसा का दोष भी लगता है
यह संकल्प करें -अहिंसा प्रधान सनातन धर्म के सच्चे अनुयायी यह संकल्प करें की मकर संक्रांति के इस लोक पर्व में हम पतंग नहीं उड़ाएंगे और पक्षियों आदि के घात में निमित्त नहीं बनेंगे और इस पर्व में केवल लोक व्यवहार की आवश्यकता के अनुसार ही आचरण करेंगे
– सौरभ जैन वरेह वाले अंबाह (मुरैना)