पावापुरी वह स्थान है, जहां जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी ने 72 वर्ष की उम्र में 526 ईसा पूर्व निर्वाण प्राप्त किया था। यह स्थान बिहार में नालंदा जिले में स्थित है। इसके समीप ही राजगीर और बोधगया है।
महावीर के निर्वाण का सूचक एक स्तूप अभी तक यहां खंडहर के रूप में स्थित है। स्तूप से प्राप्त ईंटें राजगीर के खंडहरों की ईंटों से मिलती-जुलती हैं जिससे दोनों स्थानों की समकालीनता सिद्ध होती है।
यहां एक सरोवर है जिसके जल के अंदर जल मंदिर बना हुआ है। भगवान महावीर का निर्वाण इसी कमल सरोवर के मध्य प्राप्त हुआ और एक समय में वे सिद्धालय पहुँच गए ।
यहां कई नए और प्राचीन जैन मंदिर हैं। यहीं पर एक समवशरण जैन मंदिर है। माना जाता है कि महावीर स्वामीजी ने यहां अपना अंतिम प्रवचन दिया था।