भगवान महावीर स्वामी का जन्मोत्सव कुण्डलपुर में हर्सोल्लास पूर्वक मनाया, नही निकली प्रभात फेरी, मन्दिरों को गुब्बारों, फूलों एवं रंगीन लाईट से सजाया

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कुण्डलपुर (नालन्दा/बिहार) :- वर्त्तमान शासन नायक भगवान महावीर स्वामी की जन्मभूमि श्री कुण्डलपुर जी तीर्थ क्षेत्र पर चैत्र सुदी तेरस दिनांक – 25/04/2021 दिन रविवार को हर्सोल्लास पूर्वक मनाया गया।

महावीर जयंती पर नही निकली प्रभात फेरी…
कुण्डलपुर क्षेत्र के प्रबंधक जगदीश जैन ने बताया कि – महावीर जयंती में वर्षो चली आ रही धार्मिक परम्परा प्रातः निकलने वाली प्रभात फेरी इस वर्ष जन्मभूमि कुण्डलपुर (बिहार) के प्राचीन मंदिर से नही निकाली गयी।
कोरोना वायरस तथा बिहार सरकार के दिशा निर्देश को पालन करते हुए सभी कार्यक्रम को साधारण तरीके से ही सम्पन्न किया गया। प्रातः नित्य पूजन – अभिषेक के पश्चात स्वर्ण एवं रजत कलशों से मूलनायक प्रतिमा का 108 कलशों के भव्य अभिषेक तथा शांतिधारा का आयोजन किया गया।

फेसबुक लाइव के माध्यम से आयोजित हुए कार्यक्रम..
तीर्थ यात्रियों की भावनाओं को देखते हुए महावीर जयंती पर होने वाले पूजन – अभिषेक एवं अन्य सभी कार्यक्रम प्रातःकाल से ही फेसबुक पेज के माध्यम से दिखाये जा रहे थे। सभी लोगों ने लाइव के माध्यम से वर्द्धमान महावीर के जन्मोत्सव पर भव्य अभिषेक देखकर धर्मलाभ लिया।

महावीर जन्मोत्सव पर बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी के मानद मंत्री पराग जैन ने कहा कि – जैन धर्म के 24वें तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी का जीवन ही उनका वास्तविक संदेश है। तीर्थंकर महावीर स्वामी ने अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक गुण बताया। उन्होंने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य को पालन करने को बताया।

महावीर ने अपने उपदेशों और प्रवचनों के माध्यम से दुनिया को सही राह दिखाई और मार्गदर्शन किया। भगवान महावीर ने अहिंसा की जितनी सूक्ष्म व्याख्या की वह अन्य कहीं दुर्लभ है। उन्होंने मानव को मानव के प्रति ही प्रेम और मित्रता से रहने का संदेश दिया साथ ही मिट्टी, पानी, अग्नि, वायु, वनस्पति से लेकर कीड़े-मकौड़े, पशु-पक्षी आदि के प्रति भी करुणा, मित्रता और अहिंसक विचार के साथ अहिंसा परमो धर्म एवं जिओ और जीने दो का अमर संदेश पूरे विश्व को दिया।

जन्मोत्सव पर मन्दिरों को गुब्बारों, फूलों एवं रंगीन लाईट से सजाया गया…
प्रभु वर्द्धमान के जन्मोत्सव पर मूलनायक मन्दिरों, गर्भगृह मन्दिरों एवं पूरे धर्मशाला को दुल्हन की तरह गुब्बारे, फूलों एवं रंगीन लाईटो से सजाया गया। महावीर जयंती को धुमधाम से आयोजित करने के लिए पिछले कई महीनों पहले से ही मंदिरों का रंग – रोगन, साफ – सफाई प्रबंधक जगदीश जैन, उपप्रबंधक अभिषेक जैन द्वारा निरंतर करायी जा रही थी।

परन्तु कोविड – 19 तथा यात्रियों का आगमन नही होने से प्रबंध कमिटी आयोजन को साधारण तरीके से स्थानीय समाज की मौजूदगी में आयोजित किया।

जैन धर्मावलंबियों ने जैन ध्वज दिवस के रूप में मनाया भगवान महावीर जयंती
पिछले वर्ष की भाँति ही इस वर्ष भी कोरोना महामारी की स्थिति के कारण सभी धर्मावलंबियों द्वारा अपने – अपने घरों में पंचरंगा जैन ध्वज लगाकर महावीर जयंती पर अपनी भावनाएं व्यक्त की।

– रवि जैन – मीडिया प्रभारी