क्या जैन समाज में ज्ञानवानों की कमी होने लगी है या फिर अधूरी जानकारी पर ही उछलने लगते हैं #mahaveer_janam_kalyanak

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7 अप्रैल 2022//चैत्र शुक्ल षष्ठी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/

यहां आपको गत 4 अप्रैल 2022 को अतिरिक्त सचिव द्वारा जारी भारत का राजपत्र की प्रति दिखा रहे हैं जिसमें लिखा है की केंद्र सरकार डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस 14 अप्रैल 2022 को पूरे भारत में अवकाश घोषित करती है।

यह इसलिए जारी किया कि पहले घोषित अवकशों में इसका नाम नहीं था और एक वर्ग को खुश करने के लिए और उसके दवाब में सरकार द्वारा मजबूरन अंतिम समय में इस नाम से अवकाश सूची में जोड़ना पड़ा। यह भारत का राजपत्र की प्रतिलिपि जैन समाज को जैसे ही मिली, उन्होंने अपने ज्ञान का सही उपयोग ना करके , एक अलग ही पोस्ट पोस्ट खेलना शुरू कर दिया, कि महावीर जन्म कल्याणक का अवकाश हटा दिया है और 14 अप्रैल को केवल अब अंबेडकर जन्म जयंती के रूप में घोषणा कर दी गई है ।

उन सब की जानकारी के लिए चैनल महालक्ष्मी यह जानकारी देना चाहता है कि भारत सरकार के निजी एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा 8 जून 2021 को ही जो 14 सार्वजनिक अवकाश घोषित किए गए , उनमें महावीर जन्म कल्याणक को महावीर जयंती के रूप में लिखा गया । ध्यान रहे, यह परंपरा कई वर्षों से है कि जैन धर्म का एक पर्व, सिर्फ महावीर जन्म कल्याणक को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता रहा है ।



इस बारे में कृपया सोशल मीडिया पर ऐसी कोई पोस्ट ना डालें , जिससे जैन समाज में बेवजह टीका टिप्पणी हो।

बस इतना ही ध्यान रखें कि अब हमें महावीर जयंती नहीं कहना, क्योंकि तीर्थंकरों के कल्याणक होते हैं और महापुरुषों की जयंतीया। इसलिए अब महावीर जयंती नहीं, श्री महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक कहेंगे और सरकार से भी अनुरोध करेंगे कि सही नाम से , सही पर्व को पुकारा जाए हो सकता है । आप सब की भ्रांतियां अब शायद दूर हुई होंगी।

चैनल महालक्ष्मी ने पिछली बार भी कुछ राज्य सरकारों को पत्र लिखे थे कि कृपया अपनी सार्वजनिक अवकाश सूची में महावीर जयंती की जगह महावीर जन्म कल्याणक लिखें और इस कड़ी में हमें सफलता भी मिली भी थी। जब गुजरात सरकार ने इसे सही रूप से प्रकाशित किया है, वह भी यहां देख ले । अगर छोटे-छोटे प्रयास हम सब मिलकर करें , तो निश्चय ही सफलता की मंजिल दूर नहीं होती।