2 अप्रैल 2022//चैत्र शुक्ल एकम /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
आ रही चैत्र शुक्ल त्रियोदिशी यानी 14 अप्रैल को, हम इस महापर्व को, महावीर जयंती के नाम से नहीं मनाएंगे। जानते हैं ना आप, हम किस नाम से मनाएंगे, सभी को बताएंगे, इसे तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी के 2621वे जन्म कल्याणक के रूप में मनाना है। देख रहे हैं ना, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, आप भी शुभकामनाएं इसी रूप में दीजिए।
आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय,
सादर जय जिनेन्द्र
विभिन्न धर्मों, पंथों, परम्पराओं में रहने वाले 130 करोड़ भारतीयों को उन्हीं के रंग-परिवेश में रखते हुए सफलता से एक माला में पिरोने की आपकी कार्य कुशलता के सभी कायल हैं। हर पर्व व त्योहार पर महापुरुषों की शिक्षाओं को याद करते हुए भारतीयों को शुभकामनायें देना आप कभी नहीं भूलते।
आपके द्वारा हर पर्व पर भारतीयों का शुभकामना संदेश दिये जाते रहे हैं। इसी कड़ी में आगामी 14 अप्रैल को, चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को, आपके द्वारा 24वें जैन तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी के 2621वें जन्म कल्याणक के अवसर पर भी उनके अहिंसा-जियो और जीने दो आदि शिक्षाओं के लिए शुभकामना संदेश देंगे। वैसे यह निर्णय आपका है, पर आप से सादर विनम्र अनुरोध है कि यह पर्व श्री महावीर जयंती नही श्री महावीर जन्म कल्याणक होता है।
निश्चय ही महापुरुषों की जयंतियां मनायी जाती हैं, पर तीर्थंकरों के कल्याणक मनाएं जाते हैं। शास्त्रानुसार तीर्थंकरों के पाँचों कल्याणक, गर्भ, जन्म, तप, केवल ज्ञान व मोक्ष के समय स्वर्ग में सौधर्म इन्द्र के साथ अनेक देव आते हैं मनाने के लिए। आप पूर्ण जानकारी रखते हैं, पर कई बार भूल हो जाती है।
इसीलिए, विनम्र अनुरोध है कि इस बार उस भूल को सुधार करते हुए श्री महावीर स्वामी के 2621वें जन्म कल्याणक की शुभकामनाएं व आशीष दीजिए।
अपनी सीमा उल्लंघन के लिए हृदय से क्षमा