27 अक्टूबर 2022/ कार्तिक शुक्ल द्वितीया, /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/EXCLUSIVE
पूरा विश्व और उसमें विशेषकर जैन समाज, अपने अंतिम तीर्थंकर और जिनका जिनशासन चल रहा है, ऐसे भगवान श्री महावीर स्वामी जी के 2550वें निर्वाण महामहोत्सव की तैयारी जोर शोर से कर रहा है। भगवान महावीर स्वामी के संदेशों, विभिन्न कार्यक्रम के लिए दिल्ली में भी बिगुल बज चुका है और जयपुर से भी रथ निकल रहा है उनके संदेशों को जन जन तक पहुंचाने के लिए। अनेक संत, विद्वान और श्रेष्ठि वर्ग इसमें जुड़ा हुआ है और कई अन्य भी।
जहां हम महावीर स्वामी जी के निर्वाण महामहोत्सव का शंखनाद करने के लिए जोर शोर से आवाज उठा रहे हैं , वही अफसोस है कि 44,51,753 सरकारी जनगणना के अनुसार जैन कहलाने वाले लोगों में से एक से भी आवाज नहीं उठती, कि जिन तीर्थंकर का भव्य महामहोत्सव मोक्ष कल्याणक के रूप में मनाने की तैयारी कर रहे हो, उन्हीं के जन्म कल्याणक के बारे में सुध बुध नहीं है।
चैनल महालक्ष्मी पर उंगली उठाने वाले कई समाज के हितकारी संगठन, कमेटी, भी इस पर मौन है जैसे ध्यान ही नहीं दिया या फिर इनसे उन्हें कोई मतलब नहीं। आपको जानकर हैरानी होगी कि जैन समाज के लिए केंद्र सरकार द्वारा केवल एक सार्वजनिक अवकाश श्री महावीर स्वामी जन्म कल्याणक के रूप में, महावीर जयंती कहकर , वर्ष दर वर्ष घोषित किया जाता रहा है ।
पर इस बार हद हो गई है , जब पूरा देश उनका 2550 निर्वाण महामहोत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है और उसी वर्ष में केंद्र और राज्य सरकारों ने श्रीमहावीर जन्म कल्याणक के रूप में महावीर जयंती का अवकाश, चैत्र शुक्ल त्रयोदशी की बजाए , अगले दिन कर दिया है नहीं किसी की आंख खुली, ना कोई जगा, क्योंकि हर कोई इस समय खर्च करने में जुटा है या खर्च के लिए धन को जुटाने में जुटा है, मंच, माला, माईक के लिए एक कतार बन रही है और सभी को उस कतार में खड़े होने की ज्यादा चिंता है। मूल बात पर नजर किसी की नहीं पड़ती कि जिनके संदेशों को जन जन तक उजागर करना चाहते हैं , हम उनके जन्म कल्याणक के रूप में, सार्वजनिक अवकाश को भी सही तिथि पर घोषित करवाने में चुप रहते हैं।
और एक बार फिर , इसके लिए चैनल महालक्ष्मी सबसे पहले आवाज उठाने आया है कि जागो , जैन भाई जागो , राजनीतिक स्तर पर अपनी ताकत झोंक दो और जन्म कल्याणक की तिथि को तो कम से कम पहले सही करवाओ, तब निर्वाण महामहोत्सव के कार्यक्रमों के बारे में सोचना ।
हां वही चैनल महालक्ष्मी, जिसने कई बार सबसे पहले आप सब को जगाया है , चाहे वह श्री सम्मेद शिखरजी की टोको पर जूते लेकर चलना हो , या फिर वहां पर मांस बनता पकता दिखता हो , या फिर उसको wildlife sanctuary के रूप में गजट कर दिया हो, या फिर हर टोंक पर पशुओं के अतिक्रमण की बात हो , या फिर गिरनार जी की श्री नेमिनाथ भगवान की टोंक पर बदतमीजी , अपशब्दों की बात हो, या फिर केसरियाजी में तीर्थ के द्वार पर त्रिशूल गाड़ कर अन्य संप्रदाय द्वारा लगातार पूजा पाठ की बात रही हो, या फिर पावागढ़ तीर्थ पर हो रहे भेदभाव की बात हो, या किसी तीर्थ के बदलने की बात हो , या फिर अमेरिका के रेस्तरां में हमारी प्रतिमाओं के अपमान की बात हो, ऐसी 10 नहीं, अनेकों घटनाएं होंगी जिस पर चैनल महालक्ष्मी ने आप सबको , सबसे पहले जगाने का प्रयास किया और अब फिर इस बारे में भी चैनल महालक्ष्मी ने अपने प्रधानमंत्री महोदय श्री नरेंद्र मोदी जी को, दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी को पत्र लिखे हैं जैन धर्म संरक्षण महासंघ की ओर से । यही नहीं कहां गलती हो रही है, यह भी उल्लेख किया है।
कभी आपने सोचा है अगर इसाई त्यौहार होता है तो अंग्रेजी कैलेंडर से अवकाश घोषित करते हैं । हिंदू धर्म के लिए शक संवत से , सिख धर्म के लिए नानक कैलेंडर से , मुस्लिम समाज के लिए हिजरी कैलेंडर से , पर जैन अवकाश के लिए , जो भी केवल एक है, उसके लिए वीर संवत का उपयोग नहीं होता, जैन तिथि का उपयोग नहीं होता। कितनी अचंभित करने वाली बात है , सबका साथ , सबका विकास, शब्दों में पिरोने वाले कथनी में कुछ और करनी में कुछ दिखते हैं और इस पर एक विशेष एपिसोड चैनल महालक्ष्मी शुक्रवार, 28अक्टूबर 2022 रात्रि 8:00 बजे प्रमाणों के साथ आपके बीच लाएगा।
वही श्री महावीर स्वामी जन्म कल्याणक , जिसे महावीर जयंती अधिकांश लोग कहते हैं , क्यों 2550 वें निर्माण महामहोत्सव के वर्ष में उसे जैन तिथि के अनुसार 3 अप्रैल को घोषित करने की बजाय 4 अप्रैल को घोषित क्यों किया गया?
क्या यह जैन धर्म, जैन संस्कृति, जैन समाज का ही अपमान नहीं, बल्कि हमारे जिनशासन नायक के साथ भी यह अन्याय है, जिस को दूर करने का कर्तव्य सरकार व प्रशासन का बनता है।
देखिएगा जरूर , शुक्रवार 28 अक्टूबर 2022 रात्रि 8:00 बजे फिर एक बार चैनल महालक्ष्मी एक और नया खुलासा, आपके सामने कर रहा है, जिसके बारे में लगभग सभी अब तक चुप है।
शरद जैन